बागेश्वर जिले के अंतिम गांव जांतोली की महिलाओं ने किया प्रदर्शन
बागेश्वर जिले के अंतिम गांव जांतोली की महिलाओं ने गुरुवार को प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता बागेश्वर : जिले के अंतिम गांव जांतोली की महिलाओं ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। वे सड़क, संचार और बिजली की व्यवस्था नहीं होने से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भी वे मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जनप्रतिनिधि वोट मांगने पांच वर्ष में एक बार गांव आते हैं और उसके बाद नदारद रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनकी समस्याओं का तत्काल हल नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। प्रधान मालती देवी के नेतृत्व में महिलाएं गांव के सार्वजनिक स्थान पर एकत्र हुए। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जिले का अंतिम गांव जांतोली है। वहा आज तक विकास की किरण नहीं पहुंच सकी है। सड़क नहीं होने से वे दस किमी से अधिक पैदल चल रहे हैं। गांव में बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला को सड़क तक ले जाने में सबसे अधिक परेशानी हो रही है। गांव के युवा नौकरी आदि के लिए घर पर नहीं रहते हैं। महिलाओं के लिए संकट बना रहता है। विद्युतीकरण नहीं होने से गांव के लोग परेशान हैं। कई बार जनप्रतिनिधियों से विद्युतीकरण की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। संचार सेवा उनके लिए अभी सपना है। उन्होंने कहा कि वे भी फोन से अपने परदेशी बच्चों से बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया का सपना उनके गांव में दम तोड़ रहा है। वोट मांगने गांव आने वालों को वह अब सबक सिखाएंगे। इस दौरान कलावती देवी, दिनेश सिंह, धन सिंह, बसंती देवी, विमला देवी, जय सिंह, लीलावती देवी, महिपाल सिंह, पूरन सिंह आदि मौजूद थे।