बागेश्वर में खिली धूप, बारिश से मिली राहत
सात दिनों से बारिश और हिमपात के बाद गुरुवार को धूप खिली। लोगों ने राहत की सांस ली। उच्च हिमालयी गांवों में हिमपात के कारण दिक्कतें बढ़ गई हैं। पानी और चारा पत्ती के लिए लोग परेशान हैं। वहीं बारिश और हिमपात के कारण लोग बीमार होने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सात दिनों से बारिश और हिमपात के बाद गुरुवार को धूप खिली। लोगों ने राहत की सांस ली। उच्च हिमालयी गांवों में हिमपात के कारण दिक्कतें बढ़ गई हैं। पानी और चारा पत्ती के लिए लोग परेशान हैं। वहीं बारिश और हिमपात के कारण लोग बीमार होने लगे हैं। कोरोना जांच के भय से वह अस्पताल भी नहीं जा रहे हैं। स्थानीय मेडिकल स्टोर आदि से दवा का सेवन कर रहे हैं।
सात दिन तक बारिश और उच्च हिमालयी गांवों में हिमपात के बाद गुरुवार को मौसम खुला। लोग जरूरी काम के लिए घरों से बाहर निकले। बाछम, खाती, कुंवार, समडर, जांतोली, बदियाकोट, कर्मी, रिखाड़ी, झूनी, खल्झूनी, शामा आदि गांवों में हिमपात के कारण पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। घास आदि के ऊपर भी बर्फ गिर गई है। जिससे पशुओं के लिए चारा नहीं मिल पा रहा है। नलों का पानी जमने से पानी की भी परेशानी बनी हुई है। किसानों के लिए बारिश और हिमपात अच्छी फसल का संकेत दे रहा है।
वहीं, ठंड बढ़ने के कारण लोग बुखार, खांसी, गला, पेट दर्द, सर्दी-जुखाम आदि से पीड़ित हो गए हैं। अस्पताल में भी दिनभर मरीजों का तांता लगा रहा है। डा. राजीव उपाध्याय ने कहा कि बिना डाक्टर के सलाह के दवाइयों का सेवन करना ठीक नहीं है। गरम पानी का उपयोग करें। बासी भोजन नहीं करना है। खांसी, बुखार आदि होने पर जांच भी करानी होगी। कत्यूर घाटी में हुई ओलावृष्टि, फसलों को नुकसान
संसू, गरुड़ : कत्यूर घाटी में ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि होने से ठंड भी बढ़ गई है। जिससे लोग काफी परेशान हैं।
कत्यूर घाटी में बुधवार की सायं ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हो गया। अचानक हुई ओलावृष्टि से ठंड काफी बढ़ गई है। जिससे लोग खासे परेशान हैं। एक सप्ताह से यहां लोगों ने अच्छी तरह धूप नहीं देखी है। रुक-रुककर लगातार हो रही बारिश से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पहाड़ियों में बर्फ गिरने से भी ठंड काफी बढ़ गई है। प्रगतिशील काश्तकार भूपाल सिंह, लाल सिंह का कहना है कि ज्यादा बारिश गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक है। इससे गेहूं की फसल पीली पड़ जाती है और उसमें रोग लग जाता है।