अधिशासी अधिकारी नहीं होने पर रुका पालिका कर्मियों का वेतन
बागेश्वर नगर पालिका के 124 कर्मचारियों को दिसंबर माह से वेतन नहीं मिल सका है। करीब 30 लाख रुपये पालिका प्रतिमाह वेतन के रूप में बांटती है। अधिशासी अधिकारी नहीं होने के कारण यह दिक्कत हुई है। जिससे कर्मचारी परेशान हो गए हैं।

जासं, बागेश्वर : नगर पालिका के 124 कर्मचारियों को दिसंबर माह से वेतन नहीं मिल सका है। करीब 30 लाख रुपये पालिका प्रतिमाह वेतन के रूप में बांटती है। अधिशासी अधिकारी नहीं होने के कारण यह दिक्कत हुई है। जिससे कर्मचारी परेशान हो गए हैं।
आचार संहिता लगने से कुछ दिन पूर्व हुए तबादलों का दंश यहां के नगर पालिका के कर्मचारी झेल रहे हैं। अधिशासी अधिकारी की तैनाती नहीं होने से पालिका के 124 कर्मचारियों को दिसंबर का वेतन नहीं मिला, जबकि जनवरी भी समाप्ति की ओर है। इसके अलावा ठेकेदारों के भुगतान के अलावा पालिका के वाहनों को चलाने के लिए आ रहे तेल आदि का भुगतान रुक गया है। नगर पालिका बागेश्वर के अधिशासी अधिकार का तबादला जसपुर हो गया था। उनके स्थान पर चंपावत से नए ईओ का तबादला सात जनवरी को यहां हुआ। आठ जनवरी को आचार संहिता लागू हो गई। वह ज्वाइन करने के लिए दस जनवरी को पहुंचे। लेकिन तब आदर्श आचार संहिता थी। पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने ईओ को उनके कार्यालय भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने चुनाव आयोग से ज्वाइनिग के लिए गाइडलाइन मांगी, लेकिन अब तक पालिका को ईओ नहीं मिल सका है। ईओ नहीं होने से पालिका के 124 कर्मचारियों को दिसंबर का वेतन नहीं मिल पाया है। जनवरी भी समाप्ति की ओर है। यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जनवरी का वेतन भी उन्हें नहीं मिल पाएगा। आर्थिक तंगी में ही उन्हें लोकतंत्र को मजबूत करना होगा। इसके अलावा ठेकेदारों के भी भुगतान नहीं हो रहे हैं। पालिका चाह कर भी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। सफाई कर्मचारी संगठन के अलावा अन्य कर्मचारी संगठन वेतन देने की मांग को लेकर पालिकाध्यक्ष को पत्र दे चुके हैं। आदर्श आचार संहिता के चलते वह भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
नए ईओ 10 जनवरी को यहां आए। तब तक आदर्श आचार संहिता लग चुकी थी। जिलाधिकारी को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है। वहां से अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है। ईओ के आने के बाद ही वेतन आदि आहरण होगा। करीब 30 लाख रुपये हर महीने कर्मचारियों के वेतन में खर्च होता है। इसमें संविदा से लेकर नियमित कर्मचारी शामिल हैं।
- सुरेश खेतवाल, नगर पालिकाध्यक्ष, बागेश्वर
Edited By Jagran