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एएनएम ट्रेनिग स्कूल को लेकर गरमाई सियासत

बागेश्वर जिले के कांडा के ससोला में स्वीकृत एएनएम ट्रेनिग स्कूल को लेकर अब सियासत गरमाने लगी है। कांडा से बागेश्वर तहसील के बहुली में स्कूल शिफ्ट होने की खबर के बाद अब पुरानी फाइलें खंगाली जाने लगी हैं। पक्ष और विपक्ष जिला प्रशासन से लेकर सचिवालय तक दौड़ लगा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:46 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:46 PM (IST)
एएनएम ट्रेनिग स्कूल को लेकर गरमाई सियासत
एएनएम ट्रेनिग स्कूल को लेकर गरमाई सियासत

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कांडा के ससोला में स्वीकृत एएनएम ट्रेनिग स्कूल को लेकर अब सियासत गरमाने लगी है। कांडा से बागेश्वर तहसील के बहुली में स्कूल शिफ्ट होने की खबर के बाद अब पुरानी फाइलें खंगाली जाने लगी हैं। पक्ष और विपक्ष जिला प्रशासन से लेकर सचिवालय तक दौड़ लगा रहा है। इससे स्पष्ट है कि जल्द ही इस बात का पर्दाफाश हो जाएगा कि ट्रेनिग स्कूल को कांडा से बागेश्वर कौन ले गया। लोगों को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके बाद जनता ही अपने भाग्य का फैसला करेगी।

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2011 में कांडा तहसील के ससोला गांव में एएनएम ट्रेनिग स्कूल खुला। इसमें करीब छह लाख रुपये की टोकन मनी भी आ गई। स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री रहे बलवंत सिंह भौर्याल ने भूमि पूजन भी किया। यह भूमि लोगों ने स्कूल के लिए दान दी थी। लेकिन इतने सालों बाद भी स्कूल नहीं बना। इस पीड़ा को किसी ने भी नहीं उठाया। अब स्कूल बागेश्वर शिफ्ट होने की सुगबुगाहट होने लगी। इसके विरोध में क्षेत्र के लोगों ने बैठक कर संघर्ष समिति तक बना डाली है। कई लोग वर्तमान विधायक बलवंत सिंह भौर्याल को तो कई पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण को इसके लिए जिम्मेदार ठराने लगे।

फस्र्वाण ने भौर्याल को दी खुली चुनौती

कपकोट के पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण इस मामले में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने वर्तमान विधायक को खुली चुनौती दी है। उनका कहना है कि एक ओर विधायक स्कूल के लिए कांडा में भूमि पूजन कर रहे थे, दूसरी ओर स्कूल को बागेश्वर ब्लॉक में शिफ्ट करने में लगे रहे। उनके ही पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कांडा के स्कूल को बागेश्वर शिफ्ट करने की पहल की है, जबकि उन्होंने विधायक रहते हुए कई बार कांडा में स्कूल संचालित करने के लिए पत्राचार किया। विधानसभा में भी सवाल उठाए। अब वही विधायक और उनके कार्यकर्ता कांग्रेस और उन पर स्कूल बागेश्वर ले जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

जो पत्र फस्र्वाण दिखा रहे हैं, वह पुराना है। तब जिले में स्कूल की कवायद चल रही थी। बाद में कांडा में फाइनल हो गया। इसके बाद ही उन्होंने भूमि पूजन आदि किया। वह आज भी कांडा में स्कूल बनाने को लेकर प्रयास कर रहे हैं। कई बार सीएम से मुलाकात कर चुके हैं।

- बलवंत भौर्याल, विधायक कपकोट।


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