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बागेश्वर की पहाड़ियों पर ले सकेंगे पैराग्लाइडिग का लुत्फ

बागेश्वर में दुलम के बाद नैल की पहाड़ियों में पैराग्लाडिंग का ट्रायल सफल। बढ़ेगा पर्यटन का कारोबार।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 10:35 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 10:35 PM (IST)
बागेश्वर की पहाड़ियों पर ले सकेंगे पैराग्लाइडिग का लुत्फ
बागेश्वर की पहाड़ियों पर ले सकेंगे पैराग्लाइडिग का लुत्फ

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: महामारी काल में चौपट हुए पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने के लिए साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। पैराग्लाइडिग इसमें प्रमुख हैं। नए-नए डेस्टिनेशन तलाश किए जा रहे हैं। दुलम के बाद नैल की पहाड़यिों में पैराग्लाइडिग की सफल उड़ान भरी गई। ट्रायल सफल रहा। आने वाले दिनों में इसे साहसिक पर्यटन की संभावनाओं से जोड़ा जा रहा है। नैल की पहाड़ी से पहली उड़ान ग्वालियर से आए पायलट विष्णु शर्मा के साथ को-पायलट जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार ने भरी। दूसरी उड़ान बागेश्वर पैराग्लाइडिग एसोसिएशन के निदेशक जगदीश जोशी ने भरी। दोनों ग्लाइडर जिला मुख्यालय के पास द्यांगण के खेतों में सफलता पुर्वक उतरे। पैराग्लाइडिग के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उड़ान काफी रोमांचक थी। जगदीश जोशी और उनकी टीम साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए काफी बेहतर काम कर रही है। इन लोगों को प्रोत्साहन देकर पैराग्लाइंडिग को ऊंचा मुकाम दिलाया जा सकता है। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। पायलट जगदीश जोशी ने बताया कि इससे पहले जिले में जालेख, दुलम, मालता की पैराग्लाइडिग होती रही है। नवंबर में पैराग्लाइडिग का बेसिक प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके लिए देशभर से प्रशिक्षु पहुंचेंगे। इसके लिए नई साइटों का चयन किया जा रहा है। .....

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कोरोना काल में साहसिक पर्यटन भी हुआ पस्त बागेश्वर: बारेश्वर में पिछले चार साल से पैराग्लाइडिग की गतिविधियों का संचालन कर रहे रिटायर्ड फौजी जगदीश जोशी जेजे ने बताया कि जून और जुलाई को छोड़कर सालभर पैराग्लाइडिग होती थी। एक माह में करीब 15-20 उड़ानें होती थीं। सैलानी भी इससे जुड़े थे लेकिन इस बार एक भी व्यावसायिक उड़ान नहीं हुई। यानी कि कोरोना की मार इस साहसिक खेल पर भी पड़ी। अब उम्मीद है कि गतिविधियां शुरू होंगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। ---

साहसिक पर्यटन से हम आíथकी को मजबूत कर सकते हैं। यहां काफी संभावनाएं हैं। लगातार नए डेस्टिनेशन खोजे जा रहे हैं। कीíत कुमार, जिला पर्यटन अधिकारी, बागेश्वर


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