नही बने पिडारी और कफनी के पुल
बागेश्वर में पिडर और कफनी नदी में अस्थाई पुलों का निर्माण अभी अधर में लटका हूं।
घनश्याम जोशी, बागेश्वर: पिडर और कफनी नदी में अस्थाई पुलों का निर्माण अभी अधर में लटका हुआ है। जबकि द्ववाली में एक करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला लोहा गार्डर पुल भी अधर में लटका हुआ है। पर्वतारोही और साहसिक पर्यटक पिडारी और कफनी ग्लेशियरों की यात्रा जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने पुलों का निर्माण जल्द से जल्द करने की मांग की है। विश्व प्रसिद्ध ग्लेशियर पिडारी और कफनी ग्लेशियर की यात्रा 15 सितंबर बाद सुचारू हो जाती है। लेकिन अभी तक अस्थाई पुल भी बन सके हैं। इस बार जोड़ों में औसतन बारिश कम हुई है और पिडारी ग्लेशियर जाना भी आसान बना हुआ है। हालांकि यहां बर्फबारी हो रही है। लेकिन निचले इलाकों का मौसम खुला हुआ है। जिसके कारण थर्टी फर्स्ट तक यहां साहसिक पर्यटकों का जाने का सिलसिला रहता है। इस साल कोविड के कारण पर्यटन व्यवसाय धीमी गति पर है। लेकिन कुछ लोग पिडारी की यात्रा के लिए निकल रहे हैं। पुल नहीं बनने से उन्हें परेशानी हो रही है।पिडर नदी में द्ववाली के समीप स्वीकृत एक करोड़ रुपये का पैदल पुल भी अधर में लटका हुआ है। लोनिवि कपकोट के अनुसार पुल निर्माण के लिए दो बार टेंडर आमंत्रित किए गए, लेकिन कोई भी पुल बनाने को तैयार नहीं है। पुल नहीं बनने से साहसिक पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वे पिडर नदी में तीन स्थानों पर लकड़ी के लठ डालकर नदी को पार कर रहे हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में है। --------- पोर्टर भी परेशान खाती गांव के पोर्टर आदि का काम करने वाले यामू सिंह, तारा सिंह, प्रकाश सिंह, आनंद सिंह आदि ने बताया कि पुलों का निर्माण नहीं होने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है। कच्चे पुलों का निर्माण जल्द से जल्द नहीं हुआ तो पूरा सीजन निकल जाएगी। -वर्जन- पिडर नदी में द्ववाली के समीप पुल के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। दो बार टेंडर निकाले गए लेकिन कोई भी ठेकेदार नहीं मिल सका है। पिडारी और कफनी को जोड़ने वाली नदियों में कच्चे पुल का निर्माण अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक कर लिया जाएगा। पुल निर्माण के लिए लोनिवि लगातार प्रयास कर रही है। -संजय पांडे, ईई, लोनिवि, कपकोट