होम-स्टे के लिए सिर्फ छह आवेदन
घनश्याम जोशी, बागेश्वर दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत होमस्टे का निर्माण होना है। लेकिन अभी
घनश्याम जोशी, बागेश्वर
दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत होमस्टे का निर्माण होना है। लेकिन अभी तक पर्यटन विभाग को सिर्फ छह आवेदन मिले हैं। ऐसे में न तो स्वरोजगार पैदा होगा और न ही गांव से पलायन रुक सकेगा। हालांकि पर्यटन विभाग योजना को धरातल पर उतारने के लिए पूरी जद्दोजहद कर रहा है।
पहाड़ के घरों को होम-स्टे में पंजीकरण कराने का लक्ष्य उत्तराखंड सरकार ने रखा है। जिसमें ग्रामीण पर्यटन विकास, पर्यटकों को आवास के साथ ही कुमाऊंनी व्यंजन भी परोसे जाने हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने का भी लक्ष्य है। सरकार इस योजना से पलायन भी रोकना चाहती है और ग्रामीण पर्यटक स्थलों का विकास भी होना है। लेकिन योजना अभी धरातल पर नहीं उतर सकी है। पर्यटन विभाग के पास सिर्फ छह आवेदन आए हैं। ऐसे में योजना को धरातल पर उतारने में पर्यटन विभाग को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
------
योजना से 40 लाख का ऋण
होम स्टे योजना से एक व्यक्ति को 40 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है। इच्छुक व्यक्ति को अपने मकान का पंजीकरण करना होगा। मकान के जीर्णोद्वार और नए निर्माण की भी अनुमति है। आवेदक को 33 प्रतिशत की राज सहायता भी मिलेगी।
------------
लाभार्थी का घर में रहना जरूरी
योजना के तहत लाभार्थी और उसके परिवार को घर में रहना जरूरी है। पर्यटकों के साथ रहते हुए वह घर में बने भोजन आदि ही परोसेंगे।
...........
दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत पहाड़ में पहाड़ी शैली पर होम स्टे का निर्माण होना है। होमस्टे के तहत पर्यटन विभाग में आवेदन किया जा सकता है। सरकार की थीम है कि गांवों से पलायन रोका जाएगा और पर्यटकों से ग्रामीणों की आय भी होगी। 40 लाख रुपये का ऋण दे रहा है और 33 प्रतिशत तक सब्सिडी भी आवेदक को मिलेगी।
-कीर्ती चंद्र आर्य, जिला पर्यटन अधिकारी, बागेश्वर