स्वास्थ्य सुविधाएं नही तभी सीएम दिल्ली में करा रहे इलाज
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई है। मुख्यमंत्री को देख लीजिए। कोरोना हुआ तो इलाज कराने दिल्ली के एम्स पहुंच गए। उन्होंने राज्य सरकार प्रवासियों को दिए गए रोजगार पर श्वेतपत्र जारी करे।
बुधवार को पत्रकार वार्ता में राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि कोविड-19 का खतरा बढ़ते जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोग दम तोड़ रहे है। हाल आप देख ही रहे है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं होती तो मुख्यमंत्री को दिल्ली इलाज को नही जाना पड़ता। महामारी के एक साल बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में सरकार नाकाम साबित हुई है।
सांसद टम्टा ने कहा कि कोरोना काल मे सरकार के आंकड़ों के अनुसार 6 लाख प्रवासी घर वापस आए। बीजेपी सरकार दावों के अनुरुप उनको रोजगार देने में असफल रही। आज हालात गांव में जाकर देख लीजिए। लोन की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उन्हें बैंकों से पैसा नही मिल रहा। जिनको बुलावा आया वह अपने काम पर वापस चले गए। सरकार ने अगर प्रवासियों के लिए कुछ किया है तो वह श्वेतपत्र जारी करे।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन को उत्तराखंड के किसानों ने भी अपना समर्थन दिया है। पूरे देश के किसान दिल्ली के बार्डर पर आंदोलनरत है। सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। केंद्र सरकार को जल्द किसानों की मांग माननी चाहिए। जो बिल जल्दबाजी में पास किए है उनको रद्द करना चाहिए। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष धीरज कोरंगा, राजेंद्र टंगड़यिा आदि मौजूद थे।