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राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए नौ समूह प्रमुख चयनित

जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया गया। इसमें नौ समूह प्रमुख बाल वैज्ञानिकों का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ। यह आयोजन आफलाइन और आनलाइन माध्यम से किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 04:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 04:19 PM (IST)
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए नौ समूह प्रमुख चयनित
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए नौ समूह प्रमुख चयनित

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया गया। इसमें नौ समूह प्रमुख बाल वैज्ञानिकों का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ। यह आयोजन आफलाइन और आनलाइन माध्यम से किया गया। जिसमें तीनों विकास खंडों के सौ से अधिक समूह प्रमुख बाल वैज्ञानिकों ने भागीदारी की।

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जनपद स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में मुख्य विषय सतत जीवन के लिए विज्ञान था। पांच उपविषयों में अपना लघु शोध अनुभव पत्र प्रस्तुत किया। प्रस्तुतीकरण और प्रोजेक्ट फाइल के मूल्यांकन के आधार पर पांच उपविषयों में नौ समूह प्रमुख बाल वैज्ञानिकों का राज्य स्तरीय राबावि कांग्रेस के लिए हुआ। वह 25 जनवरी को आनलाइन प्रस्तुतीकरण देंगे। पूर्व सभी लिक पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करेंगे। फोटो, प्रोजेक्ट फाइल और शोध सारांश मार्गदर्शक शिक्षक, शिक्षिका के निर्देशन में अपलोड करेंगे। इस दौरान जिला समन्वयक प्रमोद कुमार तिवारी, सह समन्वयक दीप चंद्र जोशी, डा. बीडी पांडे, डा. राजीव जोशी, संदीप जोशी, डा. ममता, सूरज बर्थवाल, मनोज पांडे, गीता पाल, रवि धपोला, हेमलता लोहनी, डायट के प्राचार्य डा. शैलेंद्र धपोला आदि मौजूद थे।

इनका हुआ चयन

- हर्षवर्धन पांडे, विवेकानंद मंडलसेरा, सतत जीवन के लिए पारंपरिक ज्ञान पद्धतियां।

-कार्तिकेय उपाध्याय, विक्टर मोहन जोशी राइंका बागेश्वर, सतत जीवन के लिए उपयुक्त तकनीकी।

- मेघा जोशी, विवेकानंद मंडलसेरा, सतत जीवन के लिए पारिस्थितिकी प्रणाली।

- दीपांशु कुमार, जीआइसी डोबा, सतत जीवन के लिए सामाजिक नवाचार।

- मेघा पांडे, इंटर कालेज गागरीगो, सतत जीवन के लिए डिजाइन, विकास, माडलिग और योजना।

- चित्रा जोशी, जूहा उत्तरौड़ा, सतत जीवन के लिए सामाजिक नवाचार।

- भाविका जोशी जूहा उत्तरौड़ा, सतत जीवन के लिए पारंपरिक ज्ञान पद्धतियां।

- रोहित खेतवाल, सीपीएस बागेश्वर, सतत जीवन के लिए उपयुक्त तकनीकी।

- रोहित परिहार, जीआइसी अमस्यारी, सतत जीवन के लिए पारिस्थितिकी प्रणाली।


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