एनएचम कर्मियों ने सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
नौ सूत्रीय मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार रविवार को भी जारी रहा। उन्होंने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया।
जासं, बागेश्वर: नौ सूत्रीय मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार रविवार को भी जारी रहा। कर्मियों ने सरकार पर मांगों के प्रति उपेक्षा का आरोप लगाया। कार्य बहिष्कार आंदोलन से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर खासा असर पड़ रहा है।
रविवार को एनएचएम कर्मियों का आंदोलन छठे दिन भी जारी रहा। मांगों को लेकर जिला अस्पताल परिसर में उन्होंने धरना दिया। कर्मचारियों ने कहा कि एक सप्ताह बीतने वाला है पर सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। उनकी मांगों पर अभी तक सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे वह अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। एनएचएम कर्मचारी वेतन विसंगति, नर्सिंग स्टाफ को वरीयता के आधार पर स्थायी नियुक्ति देने, कोविड ड्यूटी में नियुक्त कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत बीमा करवाने आदि मांगें कर रहे हैं।
हड़ताल से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे कार्यों पर असर पड़ रहा है। अस्पतालों की सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हो रही हैं। कर्मचारियों की हड़ताल से कोविड सैंपलिग, कोविड मरीजों की डाटा अपलोडिग, गांव-गांव में होने वाले कोविड जांच सैंपलिग का काम बाधित हो गया है। जननी सुरक्षा योजना, क्षय रोगियों से संबंधित कार्य, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने और निर्गत करने का कार्य, दवाओं का वितरण आदि कार्य भी प्रभावित हुए हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि कोविड काल में पूरी निष्ठा से ड्यूटी करने के बावजूद उनकी अनदेखी हो रही है। जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर संरक्षक अनूप कांडपाल, जिलाध्यक्ष भुवन जोशी, नीरज उपाध्याय, सतीश कांडपाल मनोज पुरोहित, सुरेश कुकरेती, जीवन कांडपाल, मोहन जोशी, जीवन सिंह दोसाद आदि मौजूद थे।