सावधान! जरा बंदरों से बचकर रहिए, कहीं आपको भी ना बना ले अपना शिकार
बागेश्वर में बंदरों के झुंड ने एक युवक पर हमला कर दिया। बंदरों से बचने के लिए युवक जैसे ही दूसरे खेत में कूदा तो वो नीचे गिर गया। जिससे वो घायल हो गया।
बागेश्वर, [जेएनएन]: क्षेत्र में बंदरों ने एक युवक पर हमला कर उसे घायल कर दिया। युवक को तत्काल मोहन सिंह मेहता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बागेश्वर रेफर कर दिया। इस घटना से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने वन विभाग से प्रभावित को मुआवजा देने और बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए जाने की मांग की है।
मटेना गांव निवासी कैलाश खुल्बे पुत्र रमेश चंद्र खुल्बे(31 वर्ष) अपने घर में काम कर रहे थे। तभी बंदरों का बड़ा झुंड उनके आंगन में आ धमका। वे बंदर भगाने के लिए जैसे ही अपने घर के पास खेतों में गए तो बंदर उन पर हमला करने के लिए आने लगे। बंदरों से बचने के लिए वो दूसरे खेत में कूद गए। जिससे उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया।
ग्रामीण उन्हें तत्काल सीएचसी बैजनाथ लाए, जहां से उन्हें बागेश्वर ले जाया गया। बागेश्वर में इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस घटना से ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों के हमले में अब तक उनके गांव के आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बंदरों के आतंक से उनका बाजार जाना और महिलाओं का खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है। बंदरों का झुंड आए दिन घरों में घुसकर खाद्य सामग्री उठा कर ले जा रहा है।
बंदरों के आतंक से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की बात करता है और हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा देता है। लेकिन धरातल पर एक भी पिंजरा नहीं लगा है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वन विभाग ने शीघ्र गांव में पिंजरे नहीं लगाए और प्रभावित को मुआवजा नहीं दिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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