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बागेश्वर में लौटे प्रवासी स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाने लगे प्रतिवर्ष दस लाख

बागेश्वर के दुर्गम गांव के प्रवासियों की स्ट्रॉबेरी की खेती रंग दिखाने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 06:17 PM (IST)
बागेश्वर में लौटे प्रवासी स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाने लगे प्रतिवर्ष दस लाख
बागेश्वर में लौटे प्रवासी स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाने लगे प्रतिवर्ष दस लाख

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : दुर्गम गांव के प्रवासियों की स्ट्रॉबेरी की खेती रंग दिखाने लगी है। समूह के माध्यम से प्रवासी यहां खेती कर रहे हैं। विधायक और जलागम के डीपीडी ने मंगलवार को इसका संयुक्त निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी बेहतर काम कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में भी इजाफा होगा।

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कपकोट के विधायक बलवंत भौर्याल ने कहा कि प्रवासियों की हरसंभव मदद की जा रही है। उन्होंने क्षेत्र के अन्य काश्तकारों को भी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रेरित किया। जलागम के डीपीडी ललित रावत ने कहा कि प्रवासी महिपाल कोरंगा समेत अन्य आठ का समूह बना है, जो स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। उनके प्रयास सराहनीय हैं। वर्तमान में 25 हजार पौधे दिए गए हैं। 250 रुपये प्रति किलोग्राम मूल्य रखा गया है और व्यापारी गांव में आकर खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रवासियों को एक वर्ष में लगभग दस लाख रुपये की आय हुई है। यह अन्य काश्तकारों के लिए भी प्रेरणादायक है। परंपरागत खेती से हटकर करने का समय है। जबकि परंपरागत खेती से काश्तकारों को 20 हजार रुपये की आय प्रतिवर्ष होती है। उन्होंने कहा कि स्ट्रॉबेरी को संरक्षित कर जैम, रस, आइसक्रीम, मिल्क-शेक, टॉफी आदि के रूप में भी उपयोग किया जाता है। दुनियाभर में ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में इसकी एक अहम भूमिका है। इसके अलावा भारत में स्ट्राबेरी की खेती 1960 में सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में की गई थी। 18 लाख से बना रैनबो ट्रॉउट का लोकार्पण

जासं, बागेश्वर : कपकोट में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लीती गांव के रिठकुला में 18 लाख की लागत से बने रैनबो ट्रॉउट का लोकार्पण विधायक बलवंत भौर्याल ने किया। उन्होंने कहा कि योजना से काश्तकारों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना है।

विधायक भौर्याल ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों के गांवों में रैनबो ट्रॉउट मत्स्य योजना से काश्तकारों को स्वरोजगार मिलेगा, जिससे उनका आíथक स्तर पर ऊंचा होगा। मार्केटिग की सुविधा मत्स्य विभाग देगा। शीघ्र डीप-फ्रीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने लोगों से योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने को कहा। इसके अलावा मत्स्य पालन के लिए बजट की व्यवस्था की गई है। तीन करोड़ से जगथाना में भी रैनबो ट्रॉउट बनेगा। उन्होंने कहा कि यह कुमाऊं की एकमात्र परियोजना होगी। इस दौरान ब्लाक प्रमुख गोविद दानू, जिपंस हरीश ऐठानी, गंगा कोरंगा, चामू सिंह, जिला मत्स्य अधिकारी मनोज मियान, राम सिंह कोरंगा, गणेश सुरकाली आदि मौजूद थे।


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