खडेरिया पेयजल योजना से पानी नहीं दिया तो होगा उग्र आंदोलन
खडेरिया पेयजल योजना के पुनर्गठन में पाये व दर्शानी गांव को हटा दिए जाने से लोगों में रोष है।
संवाद सूत्र, गरुड़: खडेरिया पेयजल योजना के पुनर्गठन में पाये व दर्शानी गांव को हटा दिए जाने से ग्रामीणों का रोष बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों ने महापंचायत में संघर्ष समिति का गठन कर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
भकुनखोला के क्षेत्र पंचायत सदस्य जनार्दन लोहुमी की अध्यक्षता में राप्रावि दर्शानी में पाये, दर्शानी, रतमटिया, कौलाग व खडेरिया गांवों की महापंचायत आयोजित की गई। महापंचायत में ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि पूर्व में इस योजना से दर्शानी व पाये गांव लाभान्वित थे, अब इन गांवों को साजिश के तहत हटा दिया गया है और नए गांव जोड़ दिए गए हैं। ग्रामीणों ने नए गांवों को जोड़े जाने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि पाये व दर्शानी गांवों के पास अन्य कोई पेयजल योजना नहीं है। यदि इन गांवों को पुन: नहीं जोड़ा गया तो ग्रामीण प्यासे रह जाएंगे। तय किया गया कि आगामी नौ जनवरी को राइका कौलाग में एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान पाये की ग्राम प्रधान उमा भट्ट, मनोज पांडे, गोपाल दत्त जोशी, दिनेश नेगी, पूरन दोसाद समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
संघर्ष समिति के भोला दत्त पांडे बने अध्यक्ष
गरुड़: महापंचायत में खडेरिया पेयजल योजना बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया।समिति के लिए भोला दत्त पांडे अध्यक्ष, लालमणि जोशी उपाध्यक्ष, विनोद भट्ट कोषाध्यक्ष, गंगा सिंह कोरंगा व गोपाल सिंह नेगी संरक्षक बनाए गए। इसके अलावा नरेंद्र कुमार मन्दोलिया, मुन्ना चिलवाल, रंजीत सिंह, हीरा सिंह जेठा, अर्जुन सिंह गड़िया, पूरन चंद्र पांडे, हरीश नेगी, विशन दत्त पांडे को सलाहकार बनाया गया।