बागेश्वर के जंगलों में लगी आग को बुझाने में जुटे हैं होल्यार
बागेश्वर जिले में होली पर्व के मौके पर इस बार जिले के जंगल सबसे अधिक धधक रहे हैं।
जागरण संवादाता, बागेश्वर : होली पर्व के मौके पर इस बार जिले के जंगल सबसे अधिक धधक रहे हैं। कांडा, काफलीगैर, गरुड़ व धरमघर रेंज के जंगल लपटों से सर्वाधिक घिरे हैं। आलम यह है कि होल्यार होली के बजाय आग से 'खेल' इसे बुझाने में मस्त हैं। काफलीगैर के जंगलों में लगी आग रिहायशी इलाके तक पहुंच गई। बाद में ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। होली रंगों का पर्व है। इसे मनाने के लिए प्रवासी भी अपने-अपने गांव पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार होलियों में जंगल अन्य सालों की अपेक्षा अधिक जल रहे हैं। दो दिन पहले गरुड़, फिर कांडा के जंगल धधके। वन विभाग ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। अब काफलीगैर के जंगलों में आग लग गई। अधिकतर जंगलों की आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच रही है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। कई गांवों में जंगल की आग ने मवेशियों के लिए रखी सूखी घास के ढेर जलकर राख हो गए। इससे लोगों को हजारों की हानि उठानी पड़ी। इधर, सरपंच संगठन के अध्यक्ष पूरन रावल ने लगातार जल रहे वनों पर चिता जताई है। उन्होंने लोगों से वनों को आग झोकने वालों की सूचना उन्हें और वन विभाग को देने की अपील की है। जंगल जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इधर, काफलीगैर के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए जगमोहन सिंह, लोकेश तिवारी, महेश, हेम चंद्र औऱ वन विभाग की टीम फायर ने आग पर काबू पाया। उधर, डीएफओ बीएस शाही ने कहा कि आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय है। वन विभाग की टीम लगातार जंगलों में गश्त कर रही है।