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बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का आतंक

जिले के ग्रामीण इलाकों में गुलदार का आतंक छाया हुआ है। गुलदार कई मवेशियों को निवाला बना चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 11:04 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:14 AM (IST)
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का आतंक
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का आतंक

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले के ग्रामीण इलाकों में गुलदार का आतंक छाया हुआ है। गुलदार अब तक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। वन्य जीव से आजिज आए ग्रामीणों ने वन विभाग से गांव में पिंजड़ा लगाने की मांग की है।

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जिले के दुग-नाकुरी तहसील के किड़ई, भूलगांव, पचार, ठाड़ाईजर, महोली आदि गांवों में अभी भी गुलदार का आतंक बना हुआ है। ग्रामीण भूपाल सिंह ने बताया कि मवेशियों को जंगल ले जाना भी दूभर हो गया है। गुलदार झाड़ियों में छिपकर दिनदहाड़े मवेशियों पर झपट रहा है, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। किड़ई गांव के ठाडइजर में गुलदार ने खच्चरों का शिकार कर दिया। ग्रामीण चरन सिंह, जगदीश सिंह, मोहिनी देवी, पनुली देवी, बसंत सिंह तथा फकीर राम आदि ने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए पिजड़ा लगाने की मांग कही है। वहीं कपकोट के नगरगड़ा क्षेत्र में भी गुलदार की दहाड़ से लोग दहशत में हैं। ग्रामीण आन सिंह ने बताया कि वह बकरियों को निशाना बना रहा है। सिमगड़ी के जिला पंचायत सदस्य पूरन गढि़या ने गुलदार से मारे गए मवेशियों को मुआवजा देने की मांग वन विभाग से की है। वहीं, छानापानी, शीशाखानी, लेटी, घटगाड़ आदि स्थानों पर भी गुलदार की धमक से दहशत बनी हुई है। इधर, वन क्षेत्राधिकारी नारायण दत्त पांडे ने बताया कि धरमघर रेंज में गुलदार को पकड़ने के लिए चार पिजड़े लगाए हैं। उन्होंने बताया कि घायल जानवर के मुआवजे का विभाग में कोई प्रावधान नहीं है।


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