रुरबन मिशन में वित्तीय अनियमितता की होगी जांच
बागेश्वर मे रुरबन मिशन परियोजना में हो रहे वित्तीय अनियमितता से कौसानी कलस्टर के बारह गांवों में रोंष व्याप्ता है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: रुरबन मिशन परियोजना में हो रहे वित्तीय अनियमितता से कौसानी कलस्टर के 12 गांवों के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। क्षेत्रवासियों ने कहा कि गलत तरीके से लाखों रुपए डकार लिए गए है। योजना का लाभ पात्रों तक नही पहुंच पाया है। डीएम ने पूरे मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
आजीविका सहयोग परियोजना के तहत रुरबन मिशन परियोजना गरुड़ ब्लाक के कौसानी कलस्टर के मात्र दो आजीविका संघ संजीवनी और हिमगिरी संघ के 12 ग्रामों में चलाई जा रही है। जिसके तहत बकरी पालन गतिविधि के लिए दो आजीविका संघों के चयनित 23 उत्पादक समूहों के 180 गरीब परिवारों का चयन किया गया था। इनके लिए उन्नत बकरी क्रय के लिए कुल 17 लाख 40 हजार की धनराशि एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना द्वारा समूहों के खाते में डाली गई। विभागीय स्तर पर बकरी खरीदने के लिए एक समिति गठित की। जिसमें चयनित समूह की अध्यक्ष , पशु चिकित्साधिकारी गरुड़ व आइएलएसपी के प्रबंधक मार्केट राहुल मिश्रा को नामित किया गया।
कौसानी कलस्टर के सौरभ कुमार, कमला देवी, आशा देवी, पुष्पा देवी, मोहनी पाठक, हरुली देवी, जगदीश प्रसाद आदि ने कहा कि नियमों को ताक पर रखते हुए अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कौसानी कलस्टर के समूहों में बकरी क्रय के लिए डाली गई संपूर्ण धनराशि को गरुड़ ब्लाक में गठित 8 स्वायत्त सहकारिता के खाते में डाल दी गई। मजे ही बात यह है कि स्वायत्त सहकारिता पिगलो, जखेड़ा, गागरीगोल, भिलकोट, बैजनाथ कलस्टर में यह रुरबन योजना संचालित ही नही है। इसके बाद आइएलएसपी के प्रबंधक ने स्वयं ही बकरी क्रय के लिए जौनपुर उत्तरप्रदेश की एक फर्म का चयन कर योजना बना दी। गलत तरीके से पूरे पैसे डकार लिए गए। ग्रामीणों ने पूरे मामले की जांच की मांग की है। -- यह एक गंभीर मामला है। इसमें जांच कराई जाएगी। अगर गड़बड़ी हुई है तो दोषियों को नही बख्शा जाएगा।
विनीत कुमार, जिलाधिकारी, बागेश्वर