बागेश्वर में धान समेटने में जुटे किसान
धान की फसल तैयार हो गई है। किसान खेती में जुट गए हैं। जिससे नगर में सन्नाटा पसरने लगा है।
जासं, बागेश्वर: धान की फसल तैयार हो गई है। किसान खेती में जुट गए हैं। जिससे नगर में सन्नाटा पसरने लगा है। किसानों के अनुसार इस साल सिचाई वाले क्षेत्रों में धान की फसल बेहतर हो रही है। लेकिन असिचित भूमि और ग्रामीण इलाकों में जंगली सूअर और बंदरों ने धान को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इसके अलावा किसान मवेशियों के लिए घास आदि का भी इंतजाम करने लगे हैं। क्राप्ट के तहत बोई गई धान, दलहन आदि फसलों का कृषि विभाग जायजा भी ले रहा है। अलबत्ता धान की फसल का उत्पादन का आंकड़ा भी तैयार हो सकेगा।
जिले में 15 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की फसल उत्पादित होती है। इसके अलावा पांच हजार हेक्टेयर में दलहनी फसलों का उत्पादन होता है। इस बार बारिश औसतन कम हुई। जिससे असिचित भूमि में धान की फसल बेहतर नहीं कहीं जा सकती है। लेकिन सिचित भूमि में धान की बेहतर फसल होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। गरुड़ घाटी को धान की फसल के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। यहां धान की पैदावार अच्छी होती है। अशोज का माह शुरू होते ही धान पकने लगे हैं और किसान खेतों में व्यस्त हो गए हैं। वहीं, जाड़ों के लिए मवेशियों के लिए सूखी घास काटने में भी किसान जुटे हुए हैं। यदि इसबीच बारिश नहीं हुई तो किसान फसल समय से समेट सकेंगे। उधर, मसूर, जौ, भट, मास, गहत, सोयाबीन आदि की फसल भी किसानों ने समेट ली है। किसान जगदीश रावल ने कहा कि नदीगांव क्षेत्र में धान की फसल हो गई है। जिसे समेटने में किसान जुटे हुए हैं। धान की मड़ाई पारंपरिक तौर से ही कर रहे हैं। हालांकि खेत जोत के लिए मिनी पावर टीलर से भी किसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार धान की फसल अच्छी हुई है। -वर्जन-
जिले में 15 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की फसल होती है। 47,522 किसान पंजीकृत हैं। केवल 3800 किसानों का प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना के तहत बीमा है। फसलों की क्रॉप कटिग के अनुसार उपज का आंकलन किया जा रहा है।
-वीके मौर्य, मुख्य कृषि अधिकारी, बागेश्वर