बागेश्वर की सड़कों पर जल्द दौड़ेंगे ई-रिक्शा, प्रशासन, नगरपालिका व परिवहन विभाग ने सर्वे कर शासन को सौंपी रिपोर्ट
बागेश्वर की सड़कों पर जल्द ही ई-रिक्शा दौड़ते हुए नजर आएंगे। प्रशासन नगरपालिका व परिवहन विभाग ने सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: मुख्यालय की सड़कों पर जल्द ही ई-रिक्शा दौड़ते हुए नजर आएंगे। नगरपालिका इसका संचालन करेगी जिससे लोगों को काफी सुविधा मिलेगी।
मुख्यालय की सड़कें पर ई-रिक्शा संचालन के लिए प्रशासन-नगरपालिका व परिवहन विभाग की टीम ने संयुक्त सर्वे किया। सर्वे में बिलौना से बागनाथ, बागनाथ से कठायतबाड़ा आरे, मंडलसेरा की सड़कों को ई रिक्शा के लिए उपयुक्त पाया गया है। संयुक्त सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जल्द ही संस्तुति मिलते ही ई रिक्शा का संचालन शुरू हो जाएगा। क्षेत्रवासी हरीश साह, आशीष साह, पप्पू साह, गोपाल साह आदि ने बताया कि मुख्यालय की सड़कों पर किसी भी प्रकाश की यातायात की सुविधा नहीं है। जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 10 से 15 किमी के नगरपालिका क्षेत्र में लंबे समय से एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग की जा रही है। इसके लिए ई-रिक्शा का संचालन सबसे उपयुक्त है। नगरपालिका और प्रशासन से कई बार इसकी मांग की गई है, अगर यह हो जाता है तो लोगों को आने-जाने के लिए काफी सुविधा होगी। उन्होंने सरकार से जल्द इसे शुरू करने को कहा है।
धर नगरपालिका भी ई-रिक्शा संचालन के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उम्मीद है कि सरकार से इजाजत मिलते ही इसका संचालन नगरपालिका करेगी। ई रिक्शा की खरीद कर वह किराए पर देगी। सभी रुटों पर एक नियत यात्रा किराया तय किया जाएगा। ======== ई रिक्शा की कीमत करीब डेढ़ लाख एक ई रिक्शा सवा लाख से डेढ़ लाख रुपया तक की कीमत में मिलता है। अभी तक पहाड़ में ई रिक्शा की इजाजत नहीं थी। ई रिक्शा के लिए पहाड़ की जगह उपयुक्त नही पाई गई। सर्वे में बागेश्वर को इसके संचालन का उपयुक्त बताया हैं।
--- नगरपालिका प्राथमिकता से इस कार्य में जुटी हुई है। चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में इसको देने का वायदा किया गया है। जल्द ही ई-रिक्शा का संचालन होने की उम्मीद है।
सुरेश खेतवाल, नगरपालिका अध्यक्ष, बागेश्वर
--- ई रिक्शा संचालन के लिए बागेश्वर जिला मुख्यालय उपयुक्त है। सर्वे रिपोर्ट परिवहन विभाग को भेज दिया गया है। अनुमति मिलते ही यहां ई रिक्शा का संचालन शुरू हो जाएगा।
- केसी पडलिया, एआरटीओ, बागेश्वर