कठपुड़ियाछीना को पृथक ब्लाक बनाने की मांग तेज
बागेश्वर में कठपुड़ियाछीना को अलग ब्लाक का दर्जा देने की मांग तेज हो गई है।
जागरण टीम, बागेश्वर: कठपुड़ियाछीना को अलग ब्लाक का दर्जा देने की मांग तेज हो गई है। जन संघर्ष समिति कठपुड़ियाछीना की बैठक में आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई गई। समिति के सदस्यों ने कहा कि विकासखंड नहीं होने से गांवों का विकास अधूरा रह गया है। लोगों को जरूरी काम के लिए 35 किमी दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है। समिति के कार्यालय में आयोजित बैठक में अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर कतई संवेदनशील नहीं है। कठपुड़ियाछीना को पृथक ब्लाक का दर्जा अभी तक नहीं मिल सका है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों का विकास पटरी पर नहीं आ सका है। लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ब्लाक के काम आदि के लिए उन्हें 35 किमी दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है। जिसमें लोगों और जनप्रतिनिधियों का धन और समय अतिरिक्त बर्बाद हो रहा है। उन्होंने कहा कि अलग ब्लाक को लेकर आंदोलन की रणनीति तय कर ली गई है। यदि सरकार ने चेती तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। बैठक में एनके मिश्रा, पुष्पा बिष्ट, बचे सिंह मनराल, देवीदत्त मिश्रा, जगमोहन मेहता, शंकर मिश्रा, गोविद सिंह मनकोटी, कमलकांत मिश्रा मौजूद थे। तहसीदार नहीं, कैसे हों काम
गरुड़: तहसील में तहसीलदार की स्थाई नियुक्ति नहीं होने से लोगों में रोष व्याप्त है। आंदोलन की चेतावनी दी है।
भकुनखोला के जिला पंचायत सदस्य जनार्दन लोहुमी ने कहा कि वर्षों से तहसील में स्थाई तहसीलदार नहीं है। तहसील में दूरस्थ क्षेत्र गोमती घाटी, लाहुर घाटी के लोग कई लोग प्रमाण पत्र बनाने आते हैं। यहां तहसीलदार के न होने से उनके धन व समय की बर्बादी होती है। तहसील में नियुक्त नायब तहसील को ही तहसीलदार का चार्ज दिया जाय, ताकि जनता के कार्य सुचारु रुप से हो सके। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा।