मुख्यमंत्री के खिलाफ रचा जा रहा षडयंत्र: बिष्ट
बागेश्वर में भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ किया जा रहा राजनैतिक षडयंत्र।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है। सरकार राज्य के विकास में बेहतर कर रही है। सरकार को अस्थिर करने की साजिश है। भाजपा हाई कोर्ट का सम्मान करती है। सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है। शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की बेदाग छवि है। जिसे खराब करने के कई प्रयास पूर्व में भी चुके हैं। भ्रष्टाचार मुक्त कार्यशैली कुछ लोगों को पंसद नहीं आ रही है। उन्हें बदनाम करने के लिए नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कहा कि मुख्यमंत्री ने कुर्सी संभालने के बाद से ही जीरों टालरेंस की नीति पर काम करके भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी। पांच सौ करोड़ का एनएच 74 घोटाला के आरोपितों को जेल भेजा। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कहा कि प्रदेश में भाजपा मजबूत होते जा रही है। जिसको लेकर राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा करने की कोशिश चल रही है। विधायक चंदन राम दास ने कहा कि भ्रामक प्रचार कर सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो रही है। भाजपा संगठन मुख्यमंत्री के साथ है। इस मौके पर इंद्र सिंह फस्र्वाण, प्रकाश साह, कैलाश जोशी, रवि करायत आदि मौजूद थे।
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एससी का निर्णय विपक्ष पर तमाचा: रवि
संस, अल्मोड़ा: भाजपा ने मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद अब विरोधियों को घेरना शुरु कर दिया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि रौतेला ने कहा कि एससी ने निर्णय देकर जहां उत्तराखंड के बेदाग मुख्यमंत्री को सीबीआई जांच से राहत दी है वहीं उनके खिलाफ माहौल बना रहे लोगों पर करारा तमाचा मारा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ के कारण कुछ राजनेता और भ्रष्टाचारी प्रदेश की छवि धूमिल करने में लगे है। पांच साल पुराने ऐसे मामले में जो उत्तराखंड में घटित नहीं हुआ उसके बूते उत्तराखंड में सियासी अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पद से हटाने के लिए यह खेल खेला जा रहा है। इस प्रकार की साजिश से उत्तराखंड सुíखयों में है। राज्य की छवि दांव पर है। विपक्ष जनता के मुद्दे दरकिनार कर केवल राजनीति करने में लगा है। जिसका परिणाम उसे 2022 के चुनावों में भुगतना होगा।