बागेश्वर जिले में पिछले दस सालों में 23 एड्स रोगियों की मौत और 100 से अधिक एचआइवी संक्रमित
बागेश्वर में पिछले दस सालों में एड्स रोग से संक्रमित 23 लोग दम तोड़ चुके है। जिले में अब तक सौ से अधिक एचआइवी संक्रमित मरीज मिल चुके है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: पिछले दस सालों में एड्स रोग से संक्रमित 23 लोग दम तोड़ चुके है। जिले में अब तक 100 से अधिक एचआइवी संक्रमित मरीज मिल चुके है। जिनमें से 45 मरीज जिले में ही अपना इलाज कर रहे है। लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या चिता का विषय बनी हुई है।
एचआइवी संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ते जा रही है। 2007 से जिले में एड्स कंट्रोल कार्यक्रम चलाया गया। तब से अब तक 23 एड्स संक्रमित व्यक्तियों की मौत हो गई है। जबकि अभी 45 से अधिक मरीज अपना इलाज बागेश्वर में ही करा रहे है। एड्स से बचाव के लिए व्यापक जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। उसके बाद भी इसका बढ़ते जाना चिता का विषय बना हुआ है। कई लोग एचआइवी संक्रमित होने के कारण समाज के डर से आगे ही नही आते है। जिस कारण यह समाज में कितनी तेजी से फैल रहा है इसके सही आंकड़े भी सामने नही आ पात है। विशेषज्ञ इससे रोग से बचाव का एकमात्र सुझाव जागरुकता बताते है। उनका कहना है कि समय पर पता चलने से दवाइयों से कुछ हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। ========= तीन जिलों में है इलाज की सुविधा
बागेश्वर: एचआइवी संक्रमित मरीजों के इलाज की सुविधा सिर्फ तीन जिलों में ही मौजूद है। जिसमें हल्द्वानी, देहरादून व पिथौरागढ़ शामिल है। बागेश्वर के मरीजों को सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज हल्द्वानी रेफर किया जाता है। जहां उनकी दूसरी जांच की जाती है। पॉजिटिव कंफर्म होने के बाद इलाज शुरू किया जाता है। एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी के जरिए यह इलाज किया जाता है। जहां मरीजो को रहने के लिए कमरा व भोजन की मुफ्त सुविधा दी जाती है। ========= बागेश्वर, बैजनाथ में काउंसिलिग सेंटर जिले में बागेश्वर जिला मुख्यालय व बैजनाथ में काउंसिलिग सेंटर बनाए गए है। यहां एचआइवी पीड़ितों की काउंसिलिग कीजाती है। इसके अलावा कांडा, कपकोट, बैजनाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एचआइवी की जांच मुफ्त में की जाती है। ========== एड्स रोगियों की संख्या
वर्ष कुल संक्रमित मृत्यु 2013 2 2 2014 10 5 2015 2 1 2016 3 0 2017 2 0
2018-19 5 -
नोट- वर्तमान में 45 एचआइवी संक्रमित जिले में इलाज करा रहे है। =========== एचआइवी संक्रमितों की लगातार काउंसिलिग की जाती है। इसके अलावा इस घातक रोग से बचाव के लिए समय-समय पर जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाते रहते है। एचआइवी का परीक्षण भी निश्शुल्क किया जाता है।
- डॉ. एनएस टोलिया, नोडल अधिकारी, एचआइवी एड्स कंट्रोल प्रोग्राम