बारिश से काफल का स्वाद हुआ रसीला
बारिश के बाद पहाड़ों का मौसम बेहद खुशगवार हो गया है। जंगलों में लगी आग बुझने लगी है। पहाड़ी क्षेत्र के प्रमुख फल काफल के स्वाद की मिठास बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : बारिश के बाद पहाड़ों का मौसम बेहद खुशगवार हो गया है। जंगलों में लगी आग बुझने लगी है। पहाड़ी क्षेत्र के प्रमुख फल काफल के स्वाद की मिठास बढ़ गई है। साथ ही ग्राहकों में काफल की मांग भी बढ़ गई है। बाजार में काफल तीन सौ रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।
समय पर बारिश नहीं होने व जंगलों में आग लगने के कारण काफल की मिठास में कमी आई थी। जंगलों में आग के चलते काफल विक्रेता भी जंगलों में काफल बीनने के लिए घने जंगलों में नहीं जा पा रहे थे। जिससे नगर में काफल सीमित मात्रा में ही पहुंच रहा था। इधर, पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद जंगलों में आग बुझ गई है। काफल भी रसीले हो गए हैं। काफल विक्रेताओं का कहना है कि बारिश के बाद काफल में स्वाद बढ़ जाता है।
काफल बीनने को कड़ी मेहनत
काफल विक्रेता सुंदर सिह बताते हैं कि काफल बीनने के लिए घने जंगल में जाना होता है। इसके लिए पेड़ के चारों ओर चादर लगानी होती है। इसके बाद पेड़ को हिलाया जाता है। पका फल चादरों में गिरता है। जिसे उठाकर संभाल कर टोकरी में डालकर बाजार में बेचते हैं। एकुवा बिनसर के काफल की मांग
नगर में सबसे अधिक मांग एकुवा, बिनसर के काफल की होती है। गिरेछीना मार्ग के समीप घने जंगल में स्थित एकुवा बिनसर में काफल बीनने के लिए आसपास के बच्चे व महिलाएं सायंकाल पहुंचते हैं। अगले दिन पुरुष व महिलाएं काफल लेकर बाजार आते हैं।