बागेश्वर में मिले 17 कुपोषित बच्चे
जागरण संवाददाता बागेश्वर जिले में वर्तमान में 17 कुपोषित बच्चे हैं। कुपोषण से मुक्ति के ि
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में वर्तमान में 17 कुपोषित बच्चे हैं। कुपोषण से मुक्ति के लिए गांव-गांव जनांदोलन किया जाएगा। यह बात 2025 तक जिले को कुपोषण से मुक्त करने के उद्देश्य से आयोजित प्रशिक्षण शिविर में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कही।
विकास भवन सभागार में जिला संसाधन समूह के इस प्रशिक्षण में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि तीन बातों पर विशेष जोर देने की जरूरत है। पहला जन्म के बाद शिशुओं की शारीरिक वृद्धि का आंकलन करना है। अगर बच्चे की लंबाई नही बढ़ रही तो उसमें कुपोषण के लक्षण हैं। दूसरा, समय के साथ ऊपरी आहार क्या दिया जाना है। तीसरा, एनीमिया से ग्रसित महिलाओं का उसके गर्भस्थ शिशु पर होने वाला प्रभाव। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ्य नर बच्चे का वजन तीन किलो 300 ग्राम व लंबाई 49.9 सेमी होना चाहिए। बच्ची का वजन तीन किलो 200 ग्राम व लंबाई 49.1 सेमी होना चाहिए। इससे नीचे कुपोषित व अतिकुपोषित सीमा में आते हैं। वर्तमान में कुपोषण की राष्ट्रीय दर 38.5 प्रतिशत है। सरकार ने 2025 तक कुपोषण को 25 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य रखा है। कुपोषण से निपटने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। जानकारी के अभाव में कुपोषण बढ़ रहा हैं। गांव-गांव तक यह अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर चित्रा कोहली, हेमलता कोहली, दीपा धपोला, केएस रावत, डॉ. मनीष पंत, डॉ. गुंजन आर्या सहित बाल विकास के कई कर्मचारी मौजूद थे।
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