16 हजार मतदाता आज करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: इस बार नगरपालिका के चुनावों में फिजा बदली-बदली सी है। निर्दलीयों क
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: इस बार नगरपालिका के चुनावों में फिजा बदली-बदली सी है। निर्दलीयों की सशक्त भूमिका ने इस चुनावी जंग को रोचक बना दिया हैं। आज 16 हजार से अधिक मतदाता सात प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इस बार वह वोट की चोट से अपनी ताकत का अहसास भी कराएंगे।
बागेश्वर नगरपालिका 1957 में अस्तित्व में आई। इन 61 सालों में जनता ने 9 नगरपालिका अध्यक्ष चुने।इन 6 दशकों में नगर के विकास के लिए करोड़ों रुपए आए। लेकिन आज भी नगर मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा हैं। इन वर्षों में नगरपालिका को मिले पैसे की जिस तरह से सुनियोजित तरीके से लूट हुई। उससे हम लगातार पिछड़ते चले गए। इस लूट तंत्र में कई भागीदार थे। जनता इस लूट तंत्र को सिर्फ खामोश खड़ी देखती रही। इसी का परिणाम रहा कि जो भी नगरपालिका में चुनकर आया उसने वो विकास नही किया जिसकी जनता को जरुरत हैं।
इस बार के नगरपालिका चुनाव कुछ मामलों में खास हैं। इस बार नगरपालिका क्षेत्र का विस्तार किया गया। 9 गांव इसमें जोड़े गए। उन गांवों की भी अपेक्षा बढ़ गई हैं। विस्तार के दौरान इन सभी गांवों ने नगरपालिका में शामिल किए जाने का विरोध किया था। वह नगर की व्यवस्था और यहां के लूट तंत्र से परिचित थे। जिससे वह डरे सहमे हुए थे। लेकिन सरकार के निर्णय के आगे उनकी नही चली। नगरपालिका की जनता सभी प्रत्याशियों को बारीकी से परख चुकी हैं। वह इस बार किसी के झांसे में नही आने वाले। निर्णायक वोट की बारी आ गई हैं। जनता हिसाब मांग रही है। वह जिसको भी पांच साल का समय देगी उससे सवाल पूछते रहेगी कि उनकी घोषणाओं कब पूरी होंगी।