135 डाक्टरों पर भी कारगर साबित नहीं हुई जीरो रेफरल योजना
अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के नाम पर बड़ी-बड़ी इमारतें तो बन गई है लेकिन अब भी यहां जीरो रेफरल योजना कारगर साबित नहीं हो पाई है। मेडिकल कालेज और बेस में कुल 135 चिकित्सक हैं।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : मेडिकल कालेज के नाम पर बड़ी-बड़ी इमारतें तो बन गई है, लेकिन अब भी यहां जीरो रेफरल योजना कारगर साबित नहीं हो पाई है। मेडिकल कालेज और बेस में कुल 135 चिकित्सक हैं। सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी सहित बड़े अस्पतालों से भी विशेषज्ञ चिकित्सक भी यहां तैनात किए गए हैं। इसके बाद भी इलाज के अभाव में मरीज लगातार रेफर किए जा रहे हैं।
सरकार ने अल्मोड़ा में मेडिकल कालेज को स्वीकृति प्रदान कर स्थानीय लोगों को युवाओं को डाक्टर बनाने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का सपना दिखाया था। लेकिन अब भी मेडिकल कालेज लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है। मेडिकल कालेज और बेस अस्पताल में कुल 135 डाक्टर हैं। इसके बाद भी अब तक यहां जीरो रेफर योजना कारगर साबित नहीं हो सकी है। मेडिकल कालेज बेस से प्रतिदिन मरीज रेफर किए जा रहे हैं। यह बड़ा सवाल है कि एसटीएच और अन्य मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ डाक्टर, प्राध्यापकों को जब स्थानांतरण के बाद यहां भेज दिया गया तो उसके बाद भी यहां से एसटीएच के लिए ही मरीजों को रेफर क्यूं किया जा रहा है। प्रथम एलओपी के सापेक्ष 124 पद हैं स्वीकृत
मेडिकल कालेज में प्रथम एलओपी के तहत प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत तमाम डाक्टरों के कुल 124 पदों को स्वीकृति मिली है। जिसके सापेक्ष यहां 113 डाक्टर तैनात हैं और 11 पद रिक्त हैं। इसके अलावा बेस में कुल 22 डाक्टर तैनात हैं। विशेषज्ञ डाक्टरों की कोई कमी नहीं होने के बावजूद भी यहां से अब भी मरीजों को रेफर करना बड़ी समस्या है।
पद का नाम स्वीकृत तैनात रिक्त
प्रोफेसर 07 06 01
एसोसिएट प्रोफेसर 20 17 03
असिस्टेंट प्रो. 25 21 04
सीनियर रेजीडेंट 24 21 03
जूनियर रेजीडेंट 34 34 00
ट्यूटर्स 14 14 00
कालेज और अस्पताल में ओटी शुरू नहीं हो सकी है। आपरेशन संबंधित मरीज रेफर किए जाते हैं। जैसे ही सेवाएं शुरू होंगी, जीरो रेफरल योजना शुरू हो सकेगी।
- डा. सीपी भैसोड़ा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा