..बगैर शिक्षकों के संवरेगा बच्चों का भविष्य
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : शिक्षा के नाम पर चाहे कितने ही दावे तो हो रहे हों, लेकिन ध
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : शिक्षा के नाम पर चाहे कितने ही दावे तो हो रहे हों, लेकिन धरातल पर नतीजा सिफर रहा है। बात चाहे राजकीय प्राथमिक शिक्षा की हो या फिर सरकारी माध्यमिक शिक्षा की। कहीं भी पढ़ाने के लिए पूरे शिक्षक नहीं हैं। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों की हालत तो और भी खराब है। यदि यहां बात माध्यमिक शिक्षा की करें तो इस विकास खंड में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां महज दो या तीन प्रवक्ताओं के सहारे पढ़ाई की कवायद चल रही है।
यूं तो उत्तर प्रदेश में रहते हुए विद्यालयों में मानक के अनुसार शिक्षकों की तैनाती थी, लेकिन अलग राज्य बनने के बाद वर्ष दर वर्ष शिक्षकों की कमी होती चली गई। आज हालत यह हो गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों के कई विद्यालय शिक्षक विहीन की स्थिति में पहुंच गए हैं। चूंकि शिक्षा की दिशा व दशा में सुधार के नाम पर खूब हो-हल्ला हो रहा है, मगर धरातल पर हालत इसके एकदम उलट है। कुल मिलाकर विकास खंड में प्रवक्ताओं के कुल सृजित 116 पदों में से 64 पद खाली हैं। एलटी स्तर पर भी 43 शिक्षकों की कमी बनी हुई है। ऐसे में शिक्षकों के बगैर नौनिहालों का भविष्य कैसे सुधर पाएगा, यह एक विचारणीय विषय है।
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एक नजर प्रवक्ताओं के खाली पदों पर
नाम विद्यालय - सृजित पर -तैनाती- खाली
राकंइका मासी - 9 - 2 - 7
राइंका महाकालेश्वर- 9 - 1 - 8
राइंका मासी - 11 - 4 - 7
राइंका पटलगांव- 10 - 5 - 5
राइंका धामदेवल- 10 - 5 - 5
राइंका कलरों - 9 - 4 - 5
राइंका रामपुर - 9 - 3 - 6
राइंका चौखुटिया- 12 - 8 - 4
राइंका खीड़ा - 9 - 5 - 4
राइंका तड़ागताल- 9 - 3 - 6
राइंका चित्रेश्वर - 10 - 5 - 5
कन्या चौखुटिया - 9 - 7 - 2
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बालिका बचाओ-बालिका पढ़ाओ का नारा दिखावा
हालांकि पूरे देश में बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने व आगे बढ़ाने के लिए बालिका बचाओ-बालिका पढ़ाओ के नारे का जोरशोर से प्रचार हो रहा है, लेकिन जब विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं होंगे तो यह नारा कैसे साकार होगा। राजकीय कन्या इंटर कालेज मासी इसका ताजा उदाहरण है। जहां इंटर कक्षाओं में पढ़ाने के लिए महज दो प्रवक्ता हैं।
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गेस्ट अतिथि प्रवक्ताओं के खाली पदों की सूची जिला स्तरीय कमेटी को भेज दी गई है। यह प्रक्रिया गतिमान है। संभावना है कि जल्द ही प्रवक्ताओं की कमी देर हो जाएगी। फिलहाल उपलब्ध पीटीए व अन्य उपलब्ध शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाओं का दायित्व देकर पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है।
-भारत जोशी, बीईओ चौखुटिया