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हाड़ कंपाती सर्दी में जलसंकट ने बढ़ाई दुश्वारियां

पर्वतीय क्षेत्रों में हाड़ कंपाती सर्दी के बीच पेयजल किल्लत ने दुश्वारियां दोगुनी कर दी हैं। आलम यह है कि हल्की बारिश व उच्च इलाकों में हिमपात के बावजूद अधिकांश कस्बों व गांवों में लोग जरूरत भर के पानी को भी तरसने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 05:59 PM (IST)
हाड़ कंपाती सर्दी में जलसंकट ने बढ़ाई दुश्वारियां
हाड़ कंपाती सर्दी में जलसंकट ने बढ़ाई दुश्वारियां

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्रों में हाड़ कंपाती सर्दी के बीच पेयजल किल्लत ने दुश्वारियां दोगुनी कर दी हैं। आलम यह है कि हल्की बारिश व उच्च इलाकों में हिमपात के बावजूद अधिकांश कस्बों व गांवों में लोग जरूरत भर के पानी को भी तरसने लगे हैं। इधर पांच दशक पुरानी गगास ताड़ीखेत पंपिंग योजना के सिविल क्षेत्र में पुनर्गठन न होने से चिलियानौला नगर व गनियाद्योली कस्बे के साथ ही करीब 39 गांवों की प्यास बुझाना चुनौती बन गया है। धुराफाट पट्टी के गांव भी जाड़े में बूंद बूंद जुटाने को जूझ रहे हैं।

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पहाड़ में अबकी सर्दी में ही हलक तर करना दूभर हो चला है। परवान चढ़ती ठंड में मांग व आपूर्ति का समीकरण बिगड़ने से लोग बेजार हैं। 1970 में बनी गगास ताड़ीखेत पंपिंग पेयजल योजना से 80 फीसद पानी अनुबंध के तहत सैन्य क्षेत्र को आपूर्ति की जाती है। जो 20 फीसद चिलियानौला नगर व गनियाद्योली कस्बे के साथ ही ताड़ीखेत विकासखंड के 39 गांवों को दिया जाता था, वह मुश्किल साबित हो रहा है।

गनियाद्योली निवासी भास्कर बिष्ट बताते हैं कि सैन्य क्षेत्र में तो गगास ताड़ीखेत योजना का सेना ने पुनर्गठन कर दिया है। सिविल क्षेत्र में विभागीय स्तर पर कोई सुध नहीं ली जा रही है। नतीजतन, बार बार क्षतिग्रस्त होने से कस्बे व आसपास के पाली, थापला, मोवड़ी, विशुवा गाव की ढाई हजार की आबादी प्रभावित। यही हाल अन्य गांवों का भी है जहां पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। धुराफाट में घंटों इंतजार बाद बेपानी लौट रहे लोग

धुराफाट के मंडलकोट क्षेत्र में भी सर्दी में पानी के लिए हाय तौबा मची है। वहां स्टोरेज टैंक में पर्याप्त पानी स्टॉक न होने से घंटों इंतजारी के बावजूद ग्रामीण खाली बर्तर बैरंग लौटने को मजबूर हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि यदि नैनीताल के अधीन रिची थापलधार योजना से धुराफाट के गांवों को भी जोड़ दिया जाय तो समस्या का समाधान हो सकता है। उधर ईई जल संस्थान सुरेश ठाकुर ने दोहराया कि ग्रामीण प्रस्ताव देंगे तो प्रयास किया जा सकता है। कठपुडि़या कस्बा भी बेजार

मजखाली अल्मोड़ा हाईवे पर कठपुडि़या कस्बे में भी पेयजल संकट पीछा नहीं छोड़ रहा। वहां बाजार क्षेत्र की करीब 300 की आबादी पानी को जूझ रही है। गगास ताड़ीखेत पंपिंग योजना जल निगम देखता है। जितना पानी निगम हमें देता है उसी से काम चलाया जा रहा है। चिलियानौला पालिका क्षेत्र, गनियाद्योली कस्बे व 39 गांवों की समस्या दूर किए जाने को तिपौला पंपिंग योजना से जोड़ दिया जाय तो समस्या दूर की जा सकती है। गनियाद्योली में 6.75 लाख लीटर क्षमता का स्टोरेज टैंक बना है।

- सुरेश ठाकुर, ईई, जल संस्थान रानीखेत


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