रानीखेत में दस साल से सड़के के डामरीकरण का इंतजार
रानीखेत में रोड निर्माण के दस वर्ष बाद भी डामरीकरण न होने से पंचायत प्रतिनिधियों ने खोला मोर्चा।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : रोड निर्माण के दस वर्ष बाद भी डामरीकरण न होने से पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का धैर्य जवाब देने लगा है। आदोलन की चेतावनी दी गई है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे स्थित बजोल बाजार से ताड़ीखेत ब्लॉक के कनार, बजोल, खुडोली, ईडा़, अल्मियाकाडे, पोखरी, स्यूं, गाडी, चौना, पाखुड़ा आदि तमाम गावों को जोड़ने के लिए वर्ष 2010 में मोटर मार्ग निर्माण किया गया। लंबा समय बीतने के बावजूद मोटर मार्ग पर डामरीकरण न होने से ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य भूपेंद्र सिंह देव ने कहा कि वर्ष 2010 में मोटर मार्ग निर्माण हो जाने के बावजूद आज तक डामरीकरण न होना समझ से परे है। क्षेत्र के रमेश सिंह, मोहन सिंह, जीवन सिंह, मदन सिंह देव, देवेंद्र मेहरा, गोपाल सिंह, राजेंद्र मेहरा ने आंदोलन की चेतावनी दी।
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'मोटर मार्ग पर डामरीकरण के लिए तीन बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अब एक बार फिर करीब 5.76 करोड़ प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही डामरीकरण किया जाएगा।
- कुंदन सिंह बिष्ट, एई, प्रातीय खंड लोनिवि, रानीखेत'