ग्रामीणों ने अधिकारियों को बैरंग लौटाया
संवाद सहयोगी, रानीखेत : नैनीताल से पहुंचे जल संस्थान अधिकारियों को धुराफाट पट्टी (ताड़ीखेत
संवाद सहयोगी, रानीखेत : नैनीताल से पहुंचे जल संस्थान अधिकारियों को धुराफाट पट्टी (ताड़ीखेत ब्लॉक) के बाशिंदों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। बीते आठ माह से बूंद-बूंद को तरस रहे संकटग्रस्त गांवों के लोगों ने उन्हें खूब खरी खरी सुनाई। आरोप लगाया कि नैनीताल खंड पड़ोसी जिले की रीची थापल योजना की उपेक्षा करता आ रहा। अधिकारियों ने समस्या दूर करने का भरोसा दिलाया मगर आंदोलित ग्रामीणों ने एक न सुनी। जलापूर्ति से कम पर समझौता न करने का एलान करते हुए अधिकारियों को बैरंग लौटा दिया। नतीजा, तीन घंटे तक गहमागहमी भरे माहौल में चली वार्ता बेनतीजा रही।
धूराफाट पट्टी के कई गांवों के लोग मंगलवार को भी क्रमिक अनशन व धरने पर बैठे रहे। आंदोलनकारियों को मनाने के लिए जीएम जल संस्थान के निर्देश पर नैनीताल खंड से ईई के नेतृत्व में अभियंताओं का दल लोधियाखान स्थित महाकाली मंदिर पहुंचे। ईई संतोष उपाध्याय, एई दिलीप बिष्ट व जेई राजीव कुमार ने व्यवस्था जल्द ठीक करने का आश्वासन दे कुछ दिन की मोहलत मांगी। इस पर ग्रामीणों का पारा और चढ़ गया। जलापूर्ति की जिद पर अड़े रहने के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
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रानीखेत हाईवे पर जाम की चेतावनी
ज्येष्ठ प्रमुख प्रेम अधिकारी ने जल्द जलापूर्ति न होने पर रानीखेत खैरना हाईवे जाम करने की चेतावनी दी।
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ये बैठे अनशन व धरने पर
प्रधान मसौली कृपाल फत्र्याल, लीलाधर पाडे बयेड़ी, पूरन चंद्र पाडे, दीपचंद्र, कैलाश पाडे, खुशाल सिंह, लीलाधर पाडे, ऊर्वादत्त उप्रेती, नवीन उप्रेती, चंदन फत्र्याल, राम सिंह फत्र्याल, हंसी देवी, चंपा देवी, सुनीता देवी, मंजू देवी, विमला देवी, तुलसी देवी, हरुली देवी, बसंती देवी, देवकी देवी, जीवंती देवी, महेश नैनवाल, पूरन पांडे, गोपाल मेहरा, भूपाल सिंह, ललित मोहन, भगवत सिंह आदि।
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'जलापूर्ति सुचारू करने को तकनीकी टीम लगाई गई है। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि योजना जल्द दुरूस्त की जा सके। समस्या शीघ्र दूर कर जाएगी।
-संतोष उपाध्याय, ईई नैनीताल खंड'