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रोडवेज बसों में सुगम यात्रा का दावा बेमानी

डीके जोशी, अल्मोड़ा : पर्वतीय अंचल में ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन का दौर शुरू हो चला है। वहीं

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 12:49 PM (IST)
रोडवेज बसों में सुगम यात्रा का दावा बेमानी

डीके जोशी, अल्मोड़ा : पर्वतीय अंचल में ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन का दौर शुरू हो चला है। वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो में बसों को रोड पर दौड़ाने के लिए आवश्यक संसाधनों का ही टोटा बना है। हालत यह है कि डिपो कार्यशाला में नए टायरों समेत लुब्रीकेंट्स, स्पेयर पा‌र्ट्स तथा ब्रेक शू इत्यादि का अभाव बना हुआ है। जिसका सीधा असर बसों के निर्बाध संचालन पर पड़ रहा है। इससे जहां निगम की आय प्रभावित हो रही है, वहीं यात्रियों को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

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अल्मोड़ा डिपो के पास वर्तमान में 48 बसों का बेड़ा है। लेकिन बसों को मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों के मार्गो में चलाने के लिए जिन संसाधनों की सख्त जरूरत है, उनका लंबे अर्से से अभाव बना है। नए टायर, लुब्रीकेंट्स, स्पेयर पा‌र्ट्स, ब्रेक शू जरूरत के हिसाब से नहीं होने से मैदानी क्षेत्रों को संचालित होने वाली 3-4 बसें हर सप्ताह स्थगित हो जा रही है। इससे यात्रियों को ऐन मौके पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक तो डिपो में वैसे ही चालकों की वैसे ही कमी बनी हुई है, वहीं शादी-विवाह के मौके पर करीब एक दर्जन चालकों के अवकाश में चले जाने से समस्या और बढ़ चली है। यात्रियों को सस्ती व सुलभ सेवा प्रदान करने के उद्देश्य को लेकर सन् 1970 के दशक में अल्मोड़ा में रोडवेज डिपो की स्थापना की गई। तब से अविभाजित उप्र के दौरान रोडवेज ने लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान की। बुजुर्ग मदन लाल साह का कहना है कि पृथक उत्तराखंड राज्य गठन के बाद तो पर्वतीय अंचल के लोगों की समस्याएं बढ़ चली हैं। कई मार्गो में सेवाएं ठप चल रही हैं। कई मार्गो में केमू की सेवाएं भी संचालित नहीं है। ऐसे में यात्रियों को महंगा किराया देकर निजी टैक्सियों से गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है। वरिष्ठ नागरिकों की संस्था डे केयर सेंटर, पूर्व सैनिक लीग, पूर्व अ‌र्द्धसैनिक कल्याण समिति, सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति, उत्तराखंड स्टूडेंट्स फेडरेशन, गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन आदि संगठन लंबे अर्से से रोडसेवा को बेहतर बनाने के साथ ही विभिन्न पर्वतीय रूटों पर पूर्व की भांति बसों का संचालन किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन निगम कोई सुध नहीं ले रहा है।

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डिपो में 24 चालकों का टोटा

अल्मोड़ा : परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपों में 24 चालकों की कमी बनी हुई है। वहीं कई चालकों के अवकाश में जाने से भी वाहनों के संचालन में दिक्कतें हो रही हैं। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद लंबे अर्से से चालकों समेत स्पेयर पाट्र्सो की कमी दूर किए जाने की मांग उठा रहा है, लेकिन कोई सुध ही नहीं ली जा रही है।

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कार्यशाला की टिन शेड भी जीर्ण-क्षीर्ण

अल्मोड़ा : डिपो की कार्यशाला की टिन शेड की छत भी जीर्ण-क्षीर्ण स्थिति में जा पहुंची है। थोड़ी सी ही बारिश में छत से पानी टपकने लगता है, जिससे कार्यशाला में कार्य करने वाले कार्मिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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उत्तराखंड परिवहन निगम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयासरत है। डिपो में जिन संसाधनों की कमी है, इस बारे में निगम मुख्यालय को अवगत कराया गया है। निगम मुख्यालय के अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के बाद ही पर्वतीय रूटों में बंद पड़ी सेवाओं को संचालित किया जाएगा।

-विजय तिवारी, सहायक महाप्रबंधक, अल्मोड़ा डिपो


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