Move to Jagran APP

विकसित होगी फल, फूल व बहुपयोगी पौधों की घाटी

अल्मोड़ा/रानीखेत में गैरहिमानी नदियों के संरक्षण को छिड़ी मुहिम के बीच कुंजगढ़ नदी व इसके रिचार्ज क्षेत्रों को माडल स्वरूप देने की तैयारी तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 11:33 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 11:33 PM (IST)
विकसित होगी फल, फूल व बहुपयोगी पौधों की घाटी
विकसित होगी फल, फूल व बहुपयोगी पौधों की घाटी

जागरण टीम, अल्मोड़ा/रानीखेत : गैरहिमानी नदियों के संरक्षण को छिड़ी मुहिम के बीच कुंजगढ़ नदी व इसके रिचार्ज क्षेत्रों को माडल स्वरूप देने की तैयारी तेज हो गई है। जीवनदायिनी की सहायक कुंज नदी के एक रिचार्ज जोन को फल, फूल व बहुपयोगी पौधों से लबरेज घाटी के रूप में विकसित की जाएगी। ताकि उस क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ नदी संरक्षण के साथ धरा के श्रृंगार का संदेश दिया जा सके।

loksabha election banner

अस्तित्व को जूझ रही कुंजगढ़ नदी को नया जीवन देने के लिए शुरू पुनर्जनन को शरदकाल में दूसरे चरण की मुहिम कुछ खास होगी। कुंज के रिचार्ज जोन में जल व भूमि संरक्षण में सहायक स्थानीय बहुपयोगी पौधों के लिए जलागम क्षेत्र मटिला मनिहार में पौधालय स्थापित तो किया ही जाएगा। खास बात यह है कि एक ऐसा माडल रिचार्ज जोन चिह्नित किया जाएगा जो किसी टूरिस्ट स्पाट के करीब हो। या सड़क से गुजरने वाले सैलानियों की नजरों के करीब होगा। उस पूरे क्षेत्र में अबकी शीतकाल में बाज, बुराश, काफल, उतीश, मेहल आदि बहुपयोगी प्रजातियों के साथ सर्दी में लगाए जाने वाले फल व फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के जिला समन्वयक दधीचि अवार्डी प्रकाश जोशी ने पर्यटन विकास के साथ नदी के उस भावी अनूठे रिचार्ज जोन को एक माडल के रूप में विकसित करने का खाका खींच लिया है।

=========

जज्बा देख कोसी मुहिम का बनाया अंग

बीते वर्ष दधीचि अवार्डी प्रकाश जोशी ने कुंजगढ़ नदी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया। उनके जज्बे व शानदार पहल को देखते हुए कुमाऊं मंडल नदी पुनर्जनन समिति के वैज्ञानिक सलाहकार व विभागाध्यक्ष भूगोल एसएसजे परिसर कुमाऊं विवि प्रो. जीवन सिंह रावत ने भौगोलिक सूचना विज्ञान तकनीक के जरिये नदी पुनर्जनन में सहयोग को हाथ बढ़ाए। वहीं डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कुंज नदी को कोसी पुनर्जनन महाभियान की तर्ज पर पुनर्जीवित करने के लिए प्रशासनिक सहयोग को हरी झडी दी। इसी वर्ष हरेला पर्व पर उद्गम क्षेत्र बिनसर से कुंज पुनर्जनन अभियान का श्रीगणेश किया गया था।

========

नौ रिचार्ज जोन हैं

कुंज के नौ रिचार्ज जोन में से एक क्षेत्र में स्थानीय गुलाबों की विविध प्रजातिया लगाई जाएंगी। आबोहवा के अनुरूप बुराश के पौधे लगाने की योजना है। जो फूलों के साथ बुराश जूस व गुलाब जल के रूप में रिचार्ज क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वरोजगार भी देंगे। वहीं बंदर लंगूरों को जंगल में ही भोजन का बंदोबस्त करने को चुल्लू, खुबानी, पुलम, आड़ू, जंगली अखरोट, तिमिल आदि के पौधे भी लगाए जाएंगे।

=========

कभी 79 गावों को सींचती थ कुंज

कुंजगढ़ नदी का कुल क्षेत्रफल 98.72 वर्ग किमी है। किसी दौर में धुराफाट व फल्दाकोट पट्टी के 79 गावों को सींचती थी। कुंज को पुनर्जीवित कर लिया गया तो करीब 21600 की आबादी वाले जलागम क्षेत्रों में जहा खेती बचेगी, पेयजल संकट भी दूर होगा।

======

1493 मीटर की ऊंचाई पर है उद्गम

1493 मीटर की ऊंचाई पर उदगम स्थल बिनसर है। भुजान में समुद्रतल से 897 मीटर की ऊंचाई पर कोसी से मिलन होता है।

=======

इस अभिनव प्रयोग को जनसहयोग, पर्यावरण प्रेमियों को साथ लेकर सफल बनाएंगे। कुंज नदी के एक रिचार्ज जोन को फल व फूलों की घाटी की तर्ज पर विकसित करने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसका मकसद उस क्षेत्र को माडल के रूप में पेश कर उसे पर्यटन से जोड़ संरक्षित करना है। जो भी उस भावी घाटी को देखेगा वह अन्य नदियों के रिचार्ज क्षेत्र को वैसा ही विकसित करने को प्रेरित होगा।

- दधीचि अवार्डी प्रकाश जोशी, जिला समन्वयक यूसर्क


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.