जैव विविधता पर दिया प्रशिक्षण
उत्तराखंड जैव-विविधता बोर्ड देहरादून द्वारा राज्य के लगभग 50 ग्राम पंचायत अधिकारियों को जैव विविधता संरक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : उत्तराखंड जैव-विविधता बोर्ड, देहरादून द्वारा राज्य के लगभग 50 ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं तकनीकी सहायता समूहों को जैव विविधता अधिनियम 2002 एवं जैवविविधता प्रबंधन समिति के गठन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गोविद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल में किया गया। वेबिनार के माध्यम से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. आरएस रावल ने बताया कि जैव विविधता प्रबंधन एवं संरक्षण को जैव विविधता प्रबंधन समिति एवं लोक जैव विधिता रजिस्टर के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। ग्राम स्तर पर जैव विविधता अधिनियम को लागू करने के लिए प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाना बहुत जरूरत है। उन्होनें बताया किसी भी राज्य में एक संस्थान यह कार्य अकेले नहीं कर सकता है। डा. जीसीएस नेगी ने प्रशिक्षण के प्रारूप के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के 19 तकनीकी समूहों के माध्यम से प्रशिक्षक का चयन किया गया है। प्रशिक्षण की उपयोगिता को बताते हुए डा. नेगी ने बताया कि कैसे हम प्रशिक्षक को प्रशिक्षण देकर उन्हें लोक जैव विविधता रजिस्टर बनाने के लिए तैयार कर सकते हैं। कार्यक्रम में डा. वीबी माथुर ने जैव विविधता को सभी के लिए महत्वपूर्ण विषय बताया और इसे मेहनत के साथ आयोजन करने की बात कही। इस समय महामारी को देखते हुए जैव विविधता का महत्व और अधिक हो गया है। इसलिए इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। उत्तराखंड इस विषय पर बहुत अच्छा कार्य कर रहा है एवं व्यवस्था के अनुसार इस कार्य के लिए चुना गया है।
डा. गीता नायक ने राज्य के सभी जिलों से जुड़े 92 प्रशिक्षकों एवं 44 लोगों का धन्यवाद किया। उन्होने बताया कि जैव विविधता समिति एक महत्वपूर्ण तंत्र है जो सीधे फील्ड पर कार्य करता है। डा. आइडी भट्ट ने जैव विविधता अधिनियम 2002 के विषय में जानकारी दी। बताया गया कि कैसे जैव विविधता प्राधिकरण, राज्य जैव विविधता बोर्ड तथा जैव विविधता प्रबंधन समिति मिलकर कार्य करती हैं।
इस दौरान जैव विविधता बोर्ड के सचिव एसएस रासाली, राष्ट्रीय जैव विविधता अभिकरण चेन्नई के अध्यक्ष डा. वीबी माथुर एवं जीआइजेड की टीम लीडर डा. गीता नायक ने हिस्सा लिया।