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पॉक्सो एक्ट में तीन साल का कारावास

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : लैंगिक अपराध के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र क

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 06:12 PM (IST)
पॉक्सो एक्ट में तीन साल का कारावास
पॉक्सो एक्ट में तीन साल का कारावास

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : लैंगिक अपराध के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने आरोपित को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ अभियुक्त को अलग अलग धाराओं में पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड भी जमा करना होगा।

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अभियोजन के अनुसार 28 जून 2018 को पीड़िता अपने मवेशियों को चराने के लिए जंगल में गई हुई थी। उसी गांव के प्रेम सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उसे किसी बहाने से अपने पास बुलाने की कोशिश की। जब पीड़िता उसके पास नहीं गई तो वह पीड़िता के पास आ गया और उससे हाथ पकड़कर उससे शारीरिक संबंध बनाने की बात करने लगा। पीड़िता ने जैसे तैसे वहां से भागकर अपनी जान बचाई। पीड़िता ने इस बात की जानकारी अपने पिता को दी तो उन्होंने राजस्व क्षेत्र में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज करवाई। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश चंद्र फुलारा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चंद्र नैलवाल, विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने न्यायालय में सात गवाह परीक्षित कराए। इस मामले में निर्भया प्रकोष्ठ की अभिलाषा तिवारी ने भी सहयोग किया। लिखित और मौखिक साक्ष्यों पर विचारण के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट में दोषी पाया। जिस पर विशेष सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त को अलग अलग धाराओं में तीन साल के कारावास और पंद्रह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।


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