फिर बरसी आफत, रानीखेत-द्वाराहाट हाईवे चार घंटे ठप
पर्वतीय क्षेत्रों में एक बार फिर प्री मानूसन बरसात के कहर बरपा। बरसात से रानीखेत-द्वाराहाट मार्ग चार घंटे तक बंद हो गया। बिनसर नदी के बहाव से एक कार बह गई।
जागरण टीम, अल्मोड़ा/द्वाराहाट: पर्वतीय क्षेत्रों में एक बार फिर प्री मानूसन बरसात के कहर से लोग सहम गए। मूसलधार बारिश में करीब पाच माह पूर्व तैयार बिंता-आइटीआइ रोड धराशायी हो गई। सुरक्षा दीवार का मलबा भरभरा कर आवासीय मकानों पर गिर गया। घबराए लोग बारिश में घरों से बाहर खड़े रहे। लगभग छह मकान खतरे की जद में आ गए हैं। वहीं मिल्ली मिरई के पास भारी मलबा आने से रानीखेत-द्वाराहाट-कर्णप्रयाग हाईवे चार घटे बंद रहा। उधर ताकुला ब्लॉक में भकुना गांव में उफनाई बिनसर नदी में कार बह गई। इसमें सवार लोग बाल-बाल बचे।
मुख्य मानूसन से पहले ही अतिवृष्टि से हालात बिगड़ने लगे हैं। द्वाराहाट में ग्राम प्रधान मल्ली मिरई हिमानी कैड़ा के मुताबिक बिंता आइटीआइ रोड का निर्माण बीती जनवरी में पूरा हुआ था। शनिवार को सुबह मूसलधार बारिश में करीब 50 मीटर के दायरे में सड़क ध्वस्त हो गई। उन्होंने लोनिवि के कार्यो व गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। प्रधान ने बताया कि सड़क व सुरक्षा दीवारों में पहले ही दरार पड़ चुकी थी। शिकायत पर सप्ताह पूर्व विभागीय अधिकारियों ने निरीक्षण तो किया मगर मरम्मत नहीं कराई। कुछ और स्थानों पर भी सड़क क्षतिग्रस्त हुई है।
गांव के उत्तम सिंह, बृजमोहन सिंह कैड़ा, ठाकुर सिंह, हरीश कैड़ा, पूरन सिंह, मोहन सिंह कैड़ा आदि के मकान मलबे से पट गए हें। घरों की दीवारों को भी क्षति पहुंची है। यदि जल्द पुनर्निर्माण कार्य न कराया गया तो कुछ और मकानों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। उफनाई बिनसर नदी में बही कार, भकूना गांव में हालात विकट
अल्मोड़ा : भकूना गांव (ताकुला ब्लॉक) में अतिवृष्टि के बाद बिनसर नदी उफान पर आ गई। देखते ही देखते बाढ़ के हालात बन गए। नदी के प्रवाह में उधर से गुजर रही कार बह गई। उसमें सवार लोग व चालक ने जैसे-तैसे उतरकर जान बचाई। वाहन काफी दूर तक बहने के बाद पत्थरों के सहारे अटक गया। इधर सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश डंगवाल ने बताया कि नाई-ढौन रोड पर पुल निर्माण के लिए चार माह पूर्व खदान कराया गया था। इससे स्थिति बिगड़ने लगी है। बिनसर नदी के विकराल रूप लेने से गांव का सार्वजनिक मार्ग भी बह गया है। उन्होंने प्रशासन व विभाग से पुल निर्माण में तेजी लाने तथा बाढ़ सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाने की मांग उठाई है। ताकि जनसुरक्षा के साथ ही आसपास की कृषि भूमि को कटान से बचाया जा सका।