आशादेवी प्रकरण की दबी चिंगारी फिर सुलगी
आशादेवी प्रकरण में दबी चिंगारी फिर सुलग उठी है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: आशादेवी प्रकरण में दबी चिंगारी फिर सुलग उठी है। उपचार के अभाव में गर्भवती की मौत के मामले में समयावधि पूरी होने के बावजूद जांच रिपोर्ट न आने पर युवा जनसंघर्ष मंच ने पुन: मोर्चा खोल दिया है। मंच संयोजक ने दो टूक कहा कि पांच दिन के भीतर दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर दोबारा भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
याद रहे बीती 20 अगस्त को कोसी कटारमल (हवालबाग ब्लॉक) निवासी आशादेवी का स्वास्थ्य बिगड़ने पर महिला चिकित्सालय लाया गया था। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसे जिला अस्पताल भेजा गया। मगर चिकित्सकों ने त्वरित उपचार के बजाय कोरोना टेस्ट के लिए बेस चिकित्सालय भेज दिया। जांच करा परिजन वापस जिला अस्पताल लाए मगर महिला ने मुख्य गेट पर ही दम तोड़ दिया था। वह पांच माह के गर्भ से भी थी।
इस मामले में शासन ने निदेशक स्वास्थ्य को जांच सौंपी। इसमें जिला चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही सामने आई। हालांकि घटना के कुछ दिन बाद रैपिड टेस्ट शुरू करा दिए गए थे। इधर युवा जनसंघर्ष मंच संयोजक मनोज बिष्ट ने जिला चिकित्सालय में धरना शुरू कर दिया था। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने एडीएम के हवाले से 15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपे जाने का आश्वासन दे धरना स्थगित कराया। समयावधि खत्म होने पर मंच संयोजक शुक्रवार को कलक्ट्रेट जा पहुंचे। सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। चेतावनी दी कि पांच दिन के भीतर कार्रवाई न हुई तो पुन: आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने मृतका के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग उठाई। इस मौके पर आशुतोष पवार, उक्रांद नेता भानु प्रकाश जोशी, राहुल बिष्ट, नितिन पंत, दीपक मेहरा, मनोज सनवाल, सूरज वाणी, मोहित मिश्रा, सुमित टम्टा, दिलजोत सिंह, प्रताप नैनवाल, परवेज कुरैशी, जिसान खान, शिवराज मेहर, मनोज कुमार, हरेंद्र कुमार, सिमरजीत सिंह, मुकेश कुमार, आशीष, अंकुर साह, रवींद्र सिंह आदि मौजूद रहे।