खेल मैदान को भी तरस रहे गावों के नौनिहाल
रानीखेत में सुदूर गाव में ग्रामीण ही नहीं बल्कि नौनिहाल भी बड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : सुदूर गाव में ग्रामीण ही नहीं बल्कि नौनिहाल भी बड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि नौनिहालों के लिए एक अदद खेल मैदान तक नहीं है। जिस कारण बच्चे नदी किनारे खेलने को मजबूर हैं।
राज्य निर्माण के बाद उम्मीद जगी थी कि कई समस्याओं का समाधान होगा पर स्थिति में सुधार नहीं आ सका। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य सुविधाएं दम तोड़ती जा रही हैं तो वहीं नौनिहाल भी व्यवस्थाओं से आजिज आ चुके हैं। खेल मैदान की व्यवस्था ना होने से गाव के बच्चे नदी किनारे खेलने व नदी में ही मैदान बनाकर खेलने को मजबूर हैं। ऐसे में प्रतिभा कैसे निखरेगी यह बड़ा सवाल है। जहा शहरों तथा महानगरों में नौनिहालों के खेलने के लिए सरकार बड़े खेल मैदान तथा स्टेडियम निर्माण कर रही हैं वहीं तमाम गावों के बच्चे एक अदद खेल मैदान को भी तरस रहे हैं जिस पर सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारें वादे तो बहुत करती है पर धरातल पर कुछ नहीं होता। एक ओर स्पोर्ट्स गतिविधि में भविष्य बनाने के लिए बच्चों को प्रेरित करने के लिए दावे किए जाते हैं। योजनाएं भी तैयार की जाती है पर खेल मैदान नहीं होना बड़ी समस्या है। सुनील मेहरा, राजेंद्र सिंह, चंदन सिंह, वीरेंद्र सिंह बिष्ट आदि ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल मैदान निर्माण किए जाने की माग उठाई है। कहा है कि यदि ग्राम पंचायतवार खेल मैदान बने तो कई प्रतिभाएं भी निखर कर सामने आएंगी। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि समय रहते खेल मैदान का निर्माण नहीं किया गया तो आदोलन की रणनीति भी तैयार की जाएगी।