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राज्य में पहली नगरीय सरकार जिसकी जमीन न अपना भवन

संवाद सहयोगी, रानीखेत : तमाम अड़चनों, उतार चढ़ाव के बाद अस्तित्व में आई नवगठित रानीखेत

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:56 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 10:56 PM (IST)
राज्य में पहली नगरीय सरकार जिसकी जमीन न अपना भवन
राज्य में पहली नगरीय सरकार जिसकी जमीन न अपना भवन

संवाद सहयोगी, रानीखेत : तमाम अड़चनों, उतार चढ़ाव के बाद अस्तित्व में आई नवगठित रानीखेत चिलियानौला नगर पालिका की पहली सरकार बेशक चुन ली गई है। मगर चुनौतियां भविष्य की दुश्वारियों को और पेचीदा बना रही। वजह, पालिका परिषद के अपने कार्यालय भवन का ही पता नहीं है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व इस पालिका की कागजी नीव तो पड़ी लेकिन अवस्थापना कार्य धरातल पर शुरू ही न हो सके। ऐसे में विकास कार्यो के दावे वादे कर चुनाव जीते पालिकाध्यक्ष व सभी सात सभासद शपथ कहां और कब लेंगे, बड़ी मुश्किल तो यही है। फिलहाल, प्रशासन की निगाह शासन के फैसले पर टिकी है।

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यही कोई 62.069 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले व सात वार्डो में 1880 मतदाताओं वाली चिलियानौला पालिका से जुड़े तमाम मुद्दे चुनाव होने के बाद भी गाहे बगाहे सुर्खियों में तैरते रहेंगे। राज्य की यह पहली पालिका है, जिसकी अपनी जमीन तक नहीं। परिषदीय कार्यालय का ढांचा कब, कहां, कैसे खड़ा होगा, यह बड़ा सवाल है। चूंकि पालिका की घोषणा के बाद पूर्व की कांग्रेस सरकार में चली राजनीतिक उठापटक के बाद लंबे समय तक अस्थिरता बरकरार रही। लिहाजा पालिका कार्यालय के एक अदद जमीन तलाशी ही न जा सकी। ऐसे में कार्यालय ही न होने से बोर्ड के नवनर्विाचित पदाधिकारी शपथ कैसे लेंगे, इसका फैसला अब शासन ही करेगा।

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सौगात में मिलेगा रिसाइक्लिंग प्लांट

चिलियानौला पालिका क्षेत्र के सभी सात वार्डो में कूड़ा निस्तारण व सीवरेज की समस्या प्रमुख है। पूर्व में चिलियानौला में कूड़े कचरे से निपटने को हाइटेक रिसाइक्लिंग प्लांट का खाका खींचा जा चुका था। चुनावी आचार संहिता के कारण इसकी प्रगति थम गई थी। अब डीएम स्तर पर 10 लाख की डीपीआर जल्द तैयार करने की उम्मीद है। संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना कहते हैं, आसपास की ग्राम पंचायतों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के बाद प्लांट निर्माण शुरू कराने की योजना है।

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सीवरेज है बड़ी चुनौती

चिलियानौला क्षेत्र में सीवरलाइन का अभाव भी बड़ी समस्या है। चुनी गई पालिकाध्यक्ष कल्पना देवी व वार्ड सभासदों के लिए सीवरेज व्यवस्था पर काम करना कम चुनौतीपूर्ण न होगा। इसके अलावा प्रत्येक वार्ड को जोड़ने वाले रास्तों पर पथ प्रकाश व्यवस्था का बंदोबस्त भी किया जाना है।

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पालिका चलाने में कम ही होगी मुश्किल

सूत्र बताते हैं कि चिलियानौला पालिका का अपना भवन अस्तित्व में न आने तक कार्यालय किराए के भवन में खोला जा सकता है। जहां तक निर्दलीय चुनी गई पालिकाध्यक्ष के लिए बोर्ड के संचालन का सवाल है तो भाजपा के दो सभासद जीते हैं। शेष पांच सभासद निर्दल हैं। एक मनोनीत सभासद सत्तापक्ष का रहेगा। ऐसे में पालिका का संचालन काफी हद तक आसान ही माना जा रहा।

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नवनिर्वाचित पालिकाध्यक्ष व सातों सभासद कब, कहां शपथ लेंगे, इसका निर्णय शासन करेगा। शासनस्तर से आदेश मिलने पर ही शपथ कार्यक्रम कराया जाएगा। पालिका परिषद के कार्यालय के ढांचे पर शहरी विकास मंत्रालय से दिशा निर्देश मिलने पर ही कोई कदम उठाया जाएगा।

- नितिन सिंह भदौरिया, डीएम

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चिलियानौला में एआरटीओ कार्यालय के लिए प्रस्तावित 41 नाली भूखंड है। 20 नाली में पालिका भवन के निर्माण को मांगेंगे। यह भूमि उद्योग विभाग के पास है। हालांकि हस्तांतरण की प्रक्रिया लंबी रहेगी। शासन से पत्राचार करेंगे। पथ प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने को सौर ऊर्जा का सहारा लेंगे। शुरुआत में कूड़ा निस्तारण को बाजार वार्ड समेत अन्य वार्डो के लिए चार से पांच डस्टबिन रखवाएंगे। सीवरलाइन की समस्या बड़ी है। इस व्यवस्था को धरातल पर लाने में भी समय लगेगा। लोग बरसात में लाइन खोल देते हैं, इससे प्रदूषण होता है। इसके लिए जुर्माने का प्रावधान रखेंगे।

-कल्पना देवी, पालिकाध्यक्ष


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