दर्द से कराहती प्रसूता की डोली बन गई अर्थी
जिले की एक और प्रसूता लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ गई। 12 दिन बाद भी मोटर मार्ग नहीं खुलने से प्रसूता ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
दन्या, अल्मोड़ा : जिले की एक और प्रसूता लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ गई। 12 दिन बाद भी मोटर मार्ग नहीं खुलने से प्रसूता ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। ग्रामीण इसे शासन-प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा बताते हुए प्रसूता की हत्या करने का आरोप लगाया है।
देर रात धौलादेवी ब्लाक के गल्ली गांव निवासी 25 वर्षीय हीरा देवी पत्नी पूरन सिंह को प्रसव पीड़ा उठने पर स्वजन अस्पताल के लिए रवाना हुए। मोटर मार्ग बंद होने से उनकी दिक्कतें बढ़ गईं। गांव में किसी प्रकार का फोन, मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वह से किसी को आपातकाल में फोन भी कर पाए। स्वजनों ने आस-पास रहने वाले रिश्तेदारों का सहयोग लिया। रात में सभी लोग प्रसूता को एक अस्थायी डोली बनाकर अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। गांव से दो किमी दूर पपीपल टाना के पास प्रसूता को तेज दर्द हुआ। असहनीय पीड़ा झेलते हुए उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मृतका की दो साल की एक बेटी भी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दन्या में इलाज कराते हैं लोग
गल्ली गांव से लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दन्या में इलाज कराने को आते है। सड़क मार्ग से यह दूरी 18 किमी की है। रास्ता बंद होने के बाद ग्रामीणों ने प्रसूता को पैदल लाने का निर्णय लिया। दन्या अस्पताल तक पहुंचने के लिए आठ किमी की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है।
ग्रामीणों में गहराया आक्रोश
लचर व्यवस्था से ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है। प्रधान गल्ली कमला देवी, प्रधान रोल जगत सिंह, प्रधान सिरौला विक्की नाथ, प्रधान द्याराखोली भीम राम, मोहन सिंह, उमेद सिंह आनंद सिंह ने कहा कि वह प्रशासन और पीएमजीएसवाइ से कई बार मोटर मार्ग सुचारू करने की मांग कर चुके है। पिछले 12 दिनों से सड़क बंद है। मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं। प्रशासन व विभाग ने नहीं सुना तो मुख्यमंत्री पोर्टल में तक शिकायत कर चुके है। उनका आरोप है कि यह मौत साधारण नहीं यह हत्या है। लचर व्यवस्था के कारण मौत हुई है। शासन-प्रशासन के दावे हवाई
अल्मोड़ा : शासन-प्रशासन के एअर एंबुलेंस के दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में प्रसूता की मौत ने सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का दावा था कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के प्रधानों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। गल्ली के प्रधान कमला देवी ने कहा कि किसी का फोन हमारे पास अब तक नहीं आया। जब नेटवर्क ही नहीं है तो फोन कैसे होगा। शासन-प्रशासन से खुद गुहार लगाने के बाद भी सड़क नहीं खुल रही है।