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बेमौसमी सब्जी उत्पादन से काश्तकारों की सुधरेगी आíथकी

अल्मोड़ा में उद्यान विभाग सब्जी उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में प्रयत्नशील है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:00 PM (IST)
बेमौसमी सब्जी उत्पादन से काश्तकारों की सुधरेगी आíथकी
बेमौसमी सब्जी उत्पादन से काश्तकारों की सुधरेगी आíथकी

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : उद्यान विभाग सब्जी उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में प्रयत्नशील है। इसी के मद्देनजर जिले के विभिन्न विकास खंडों में 130 पालीहाउस का निर्माण इन दिनों अंतिम चरण में है। पालीहाउस की विशेषता यह है कि इसमें काश्तकार मौसमी सब्जियों के इतर बेमौसमी सब्जियों का भी उत्पादन कर सकते हैं। कारण इसमें पाले के प्रकोप से सब्जियों को बचाया जा सकता है। वर्तमान में जिले में कुल पालीहाउस की संख्या 500 है, अब निर्माणाधीन पालीहाउस को मिलाकर जिले में इनकी कुल संख्या 630 हो जाएगी।

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जिले के हवालबाग, ताकुला, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण, स्याल्दे, सल्ट, ताड़ीखेत, लमगड़ा, धौलादेवी तथा भैसियाछाना ब्लाकों में यूं तो काश्तकार खूले खेतों में सब्जी का उत्पादन करते हैं। इधर अब जिले में काश्तकार इस बार जल्द ही 14 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनने वाले 130 पालीहाउस में भी सब्जी का उत्पादन कर सकेंगे। इसके लिए विभिन्न विकास खंडों में 130 पालीहाउस का निर्माण कार्य चल रहा है। उद्यान विभाग की ओर से 64 प्रवासियों को भी सब्जी उत्पादन से जोड़ा गया है। विगत वर्ष तक जहां छह हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में पालीहाउस का निर्माण किया जाता था, वहीं इस बार इसका रकबा बढ़ाकर 14 हजार वर्गमीटर में पालीहाउस का निर्माण किया जा रहा है। विदित हो कि जिले में 13,561 काश्तकार सब्जी उत्पादन कर अपनी आजीविका चलाते हैं।

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विभाग व शासन सब्जी उत्पादकों के बेहतर हितों के लिए लगातार प्रयासरत है। इस वित्तीय वर्ष में जिले में 150 पालीहाउस का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए काश्तकारों को 80 फीसद राज सहायता दी जाती है। साथ ही सब्जी उत्पादन के लिए समय-समय पर हाइब्रिड बीजों का भी प्रदर्शन किया जाता है। ताकि काश्तकार उन्नशील बीजों को बोकर बेहतर सब्जी उत्पादन कर सकें।

-टीएन पांडे, मुख्य उद्यान अधिकारी


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