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अब गुरुजनों ने तरेरी भौहें, बोले- ज्यादती पर देंगे सामूहिक इस्तीफे

सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में निदेशक के साथ की गई अभद्रता के विरोध में परिसर के शिक्षकों और कर्मचारियों ने बैठक कर दबाव बनाए जाने पर सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:20 AM (IST)
अब गुरुजनों ने तरेरी भौहें, बोले- ज्यादती पर देंगे सामूहिक इस्तीफे
अब गुरुजनों ने तरेरी भौहें, बोले- ज्यादती पर देंगे सामूहिक इस्तीफे

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में निदेशक के साथ की गई अभद्रता के विरोध में परिसर के समस्त शिक्षकों व कर्मचारियों ने बैठक कर इस घटना का विरोध किया। सभी शिक्षकों कर्मचारियों ने कहा कि परिसर में इस प्रकार की घटनाएं आम हो गयी है। सभी शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा निर्णय लिया गया कि यदि इस प्रकार से छात्रों के दबाब में परिसर प्रशासन को हटाया जाता है तो सभी शिक्षक अपने सभी प्रशासनिक पदों से त्यागपत्र दे देंगे।

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बैठक में तय किया गया कि परिसर के सभी शिक्षक निदेशक, डी एस डब्लू बोर्ड, प्रॉक्टर बोर्ड, डीन, विभागाध्यक्ष, एनएसएस, एनसीसी सभी पदों से त्यागपत्र देंगे। प्रो. एनडी कांडपाल ने कहा कि शिक्षकों का अपमान किया जाना दुर्भाग्य पूर्ण है। परिसर में छात्र संघों के द्वारा अनैतिक दबाब बनाया जाता है। ऐसे कृत्यों को कभी भी माफ नहीं किया जा सकता है। प्रो. बी ी एस नेगी ने कहा कि अभद्रता को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए। हम शिक्षकों के साथ जो अपमान व माहौल खराब किया जा रहा है,उसकी निदा की जानी चाहिए। प्रो. भीमा मनराल ने कहा कि जहां छात्रों और शिक्षकों के जो संबंध होने चाहिए, लेकिन कुछ छात्रों द्वारा शिक्षकों को निरंतर अपमानित किया जाता है। निरंतर उनके साथ घटनाएं हो रही है जिनसे उनकी गरिमा को नुकसान पहुंचा है। प्रो. इला शाह की इस प्रकार से जिस प्रकार की छवि समाज मे शिक्षकों की बनाई जा रही है उससे समस्त शिक्षक समुदाय बहुत आहत है। अब परिसर के अंदर किन्ही पदों पर कार्य कर पाना संभव नहीं है। प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा जो हुआ है वह बहुत गलत हुआ है। कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष देवेंद्र धामी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं के विरोध में सभी शिक्षक कर्मचारी एकजुट है। इस प्रकार की घटना निदनीय है। परिसर निदेशक प्रो. आर एस पथनी ने कहा कि परिसर के शिक्षक आज मुश्किल की घड़ी में है। मैंने आज तक सभी दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी व निष्ठा के साथ किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते मैं माफ कर देता, लेकिन अध्यक्ष के द्वारा माफी नही मांगी गई। उन्होंने कहा कि वह कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना इस्तीफा दे चुके है। अंत मे सभी शिक्षकों, कर्मचारियों ने निर्णय लिया की यदि किसी दबाब में निदेशक, डीएसडब्लू बोर्ड, प्रॉक्टर बोर्ड को हटाया जाता है तो सभी शिक्षक अपने प्रशासनिक पदों से त्यागपत्र देंगे व कोई भी शिक्षक भविष्य में भी प्रशासनिक पदों पर नहीं रहेंगे।


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