तरन्नुम बनी आइटीबीपी में राज्य की पहली महिला आरक्षी
रानीखेत नगर के कुरैशियान मोहल्ला निवासी तरन्नुम कुरैशी ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में आरक्षी पद पर भर्ती होकर क्षेत्र ही नहीं वरन समूचे राज्य की बालिकाओं के लिए मिसाल पेश की है। छह माह का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर घर पहुंची तरन्नुम का लोगों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया।
संस, रानीखेत : नगर के कुरैशियान मोहल्ला निवासी तरन्नुम कुरैशी ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में आरक्षी पद पर भर्ती होकर क्षेत्र ही नहीं वरन समूचे राज्य की बालिकाओं के लिए मिसाल पेश की है। छह माह का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर घर पहुंची तरन्नुम का लोगों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। इस दौरान तरन्नुम ने अधिक से अधिक बालिकाओं से सेना में जाकर देश सेवा का आह्वान किया।
कुरैशियान मोहल्ला निवासी स्व. अहमद बक्श व स्व. नफीसा खातून की आठवीं संतान तरन्नुम को बचपन से ही सेना में भर्ती हो देश सेवा का शौक था। इसके लिए उसने कड़ी मेहनत भी की। जीजीआइसी से इंटर करने के बाद राजकीय महाविद्यालय से स्नातक किया। वह एनसीसी की कुशल कैडेट भी रही। तरन्नुम ने बताया कि बचपन में पहले माता पिता व उनके निधन के बाद दोनों भाइयों ने उसे सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। बताया कि 2017 में भर्ती हो गई थी। मगर कोरोना के कारण 2021 में ट्रेनिग के लिए पंचकूला (हरियाणा) गई। कहा कि उस भर्ती प्रक्रिया में देश के 600 केडेट्स का चयन हुआ। जिसमें 77 बालिकाओं ने सफलता हासिल की। जिनमें से उसे भी उत्तराखंड राज्य से एक मात्र बालिका आरक्षी बनने का अवसर प्राप्त हुआ है। छह माह के प्रशिक्षण के बाद वह घर आई हैं। बताया कि तीन माह के प्रशिक्षण के बाद जोधपुर राजस्थान में उसे तैनाती मिल जाएगी। तरन्नुम के घर पहुंचने पर स्वजनों व अन्य नागरिकों ने उसका जोरदार स्वागत किया। तरन्नुम की इस सफलता पर विधायक डा. प्रमोद नैनवाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, ब्लाक प्रमुख हीरा रावत आदि ने इसे क्षेत्र की बालिकाओं के लिए गौरव बताया है।