शहीद मोहन शर्मा ने बढ़ाया देश का गौरव
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : दिल्ली के बाटला हाउस आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए दिल्ली पुलिस
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : दिल्ली के बाटला हाउस आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए दिल्ली पुलिस विशेष शाखा के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की 10वीं पुण्य तिथि उनके पैतृक गांव तिमिलखाल-मासी में बुधवार को समारोह पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर शहीद भवन में स्थापित उनके आमदकद मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। वक्ताओं ने उनकी शहादत को याद कर युवाओं से उनके जीवन से सीख लेने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का आयोजन शहीद मोहन चंद्र शर्मा जन कल्याण एवं विकास समिति की ओर से किया गया था। वक्ताओं ने अपने संबोधन में शहीद शर्मा को एक ईमानदार व कर्त्तव्य निष्ठ अधिकारी बताया एवं कहा कि उन्होंने अदम्य साहस व वीरता का परिचय देते हुए देश की सुरक्षा के खातिर अपनी जान दे डाली। दूर गांव के ऐसे जांबाज ने मासी की धरती का ही नहीं वरन प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। सभी को उनके योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए एवं सभी को मिलकर गांवों के विकास के प्रति उनकी सोच को आगे बढ़ाना होगा। समारोह में बच्चों की मोहक प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। संचालन चंद्र प्रकाश फुलोरिया ने किया।
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इन्होंने की सभा व श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भागीदारी
राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि के रूप में गोपाल मासीवाल, ब्लॉक प्रमुख बिशन राम, भाजपा के जिलाध्यक्ष गोबिंद सिंह पिलख्वाल, कैलाश चंद्र भट्ट, जिपंस गजेंद्र नेगी, गणेश नायक, प्रधान गीता देवी, महेश लाल वर्मा, अमर सिंह रावत, रामस्वरूप मासीवाल, नंदन सिंह, मुकेश पांडे, कांता रावत, प्रेमा देवतला, पूर्व प्रधान प्रेम सिंह, एसडीएम रजा अब्बास, प्रभारी बीडीओ बृज मोहन गुरूरानी, हरीश चंद्र, जगदीश चंद,्र समिति के सचिव खीमानंद मासीवाल व भगवत सिंह आदि।
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शहीद के ताऊ को किया गया सम्मानित
शिव दत्त मासीवाल को शहीद स्मारक समिति की ओर से अतिथियों द्वारा शॉल ओढ़ाकर एवं फुूल मालाओं से सम्मानित किया गया। इस दौरान वे उनके बचपन की यादों को याद करते हुए भावुक हो उठे। उन्होंने शहीद मोहन को साहसिक व्यक्ति बताया।
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वर्ष 2008 में शहीद हुए थे मोहन चंद्र
विकास खंड अंतर्गत मासी तिमिलखाल गांव के मूल निवासी मोहन चंद्र शर्मा दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। जो 45 वर्ष की उम्र में 19 सितंबर 2008 के दिल्ली में आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। उनके पैतृक गांव में प्रतिवर्ष शहीद दिवस मनाया जाता है।