वीरता व साहस के धनी थे शहीद मोहन चंद्र शर्मा
देवभूमि उत्तराखंड को वीरों की भूमि के नाम से जाना जाता है।
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देवभूमि उत्तराखंड को वीरों की भूमि के नाम से जाना जाता है। बात चाहें आजादी की लड़ाई की हो या फिर देश की आंतरिक सुरक्षा की। यहां के रणबांकुरों ने हर क्षेत्र में वीरता व साहस का परिचय दिया है। इन्हीं में एक थे आदिग्राम कनौणियां के तिमिलखाल के मूल निवासी एवं दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा। जो 19 सितंबर 2008 में दिल्ली के बाटला हाउस आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। प्रतिवर्ष उनके मूल गांव तिमिलखाल में शहीद दिवस मनाया जाता है।
हालांकि मूल रूप से यहां तिमिलखाल-मासी निवासी मोहन चंद्र का जन्म दिल्ली में हुआ तथा उनकी शिक्षा दीक्षा भी वहीं हुई, लेकिन उन्हें मूल गांव से विशेष लगाव था, जो वर्ष में एक बार अपने गांव जरूर आते थे तथा गांव व क्षेत्र के विकास को लेकर ग्रामीणों के साथ चर्चा किया करते थे। शहीद मोहन चंद्र शर्मा 1989 में दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर बने। जो अकेले ऐसे पुलिस कर्मी थे, जिन्हें 20 वर्ष की पुलिस सेवा में सात बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा उत्कृष्ट कार्य शैली के लिए 150 पुरस्कार भी मिले।
मोहन चंद्र शर्मा को आतंकियों का एनकाउंटर करने में महारथ हासिल थी। उन्होंने 1995 से 2000 के बीच कई नामी आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इनमें राजबीर रमला, इंद्रपाल ठाका, दो लाख का इनामी रणपाल गुलर, नरेश भाटी, बंटी, सुभाष, दिनेश भनोट व पुष्पेद जाट सहित करीब डेढ़ दर्जन से भी अधिक शातिर बदमाश शामिल हैं। आखिर में वे 19 सितंबर 2008 के बाटला हाउस कांड आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए।
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मरणोपरांत शहीद शर्मा को अशोक चक्र ने नवाजा गया
पुलिस में वीरता के लिए जाने जाने वाले शहीद मोहन चंद्र शर्मा को शहादत के उपरांत राष्ट्रपति की ओर से अशोक चक्र सम्मान से नवाजा गया। जो उनकी पत्नी माया शर्मा ने ग्रहण किया। बलिदान के 12 वर्ष बाद बीते 15 अगस्त 2020 को इस वीर सपूत को गैलेंटरी अवार्ड मिला है। जो देश व प्रदेश के साथ साथ समूचे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
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तिमिलखाल में आज मनाया जाएगा शहीद दिवस
शहीद के पैतृक गांव तिमिलखाल में प्रतिवर्ष 19 सितंबर को शहीद दिवस मनाया जाता है। समिति के सचिव खीमानंद नंद मासीवाल ने बताया कि कोरोना संकट के मद्देनजर इस वर्ष शहीद दिवस सादगी से मनाया जाएगा। इस दौरान उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे।