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नियमित वेतन न मिलने से शिक्षकों में आक्रोश

उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन न मिलने पर आक्रोश व्यक्त किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 11:52 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 11:52 PM (IST)
नियमित वेतन न मिलने से शिक्षकों में आक्रोश
नियमित वेतन न मिलने से शिक्षकों में आक्रोश

संस, अल्मोड़ा : उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों में नियमित वेतन भुगतान नहीं होने पर रोष व्याप्त है।

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रैमजे इंटर कालेज में हुई संघ की बैठक में शिक्षकों ने कहा कि शासन एवं सरकार नियमित वेतन भुगतान की व्यवस्था कर रहा है। सितंबर माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। सरकार ने दीपावली बोनस की घोषणा की है। लेकिन इससे अधिकांश शिक्षक वंचित रहेंगे। वक्ताओं ने कहा संवेदनहीनता इस स्तर तक बढ़ गई है कि जहां पूर्व में दीपावली व अन्य पर्वो पर अग्रिम वेतन भुगतान हो जाया करता था वहीं दो माह से वेतन का भुगतान ही नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन के मुद्दे पर उलझाकर उनके मूलभूत समस्याओं के निराकरण के स्थान पर मनमाने शासनादेश जारी कर प्रताड़ित किया जा रहा हैं। बैठक में सरकार से वेतन भुगतान की नियमित भुगतान की मांग की गई।

बैठक में प्रधानाचार्य बीटी विलसन, पूर्व प्रांतीय मंत्री डा. एमके जोशी, कोषाध्यक्ष एमएस राजपूत, अनूप दल, एनए खान, अजीत चंद, एसएल पवार, श्वेता, प्रेमसुख, विवेक जोजफ, बसंत पांडे, दीपक बगडवाल, कमलेश बिष्ट, सीके पंत, द्रोपदी देवी मौजूद रहे।

उधर बागेश्वर में माध्यमिक शिक्षक संघ ने अशासकीय विद्यालयों का वेतन बजट तत्काल निर्गत करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व से पहले सभी शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। बुधवार को संघ के अध्यक्ष कैलाश अंडोला के नेतृत्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को संबोधित ज्ञापन संघ ने जिलाधिकारी विनीत कुमार को सौंपा। शिक्षकों ने कहा पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। दीपावली जैसे बड़े त्योहार से पूर्व वेतन नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि वेतन तथा अन्य सुविधाओं के मामले में अशासकीय विद्यालयों के साथ सदैव सौतेला व्यवहार किया जाता है। इससे पूर्व भी तीन माह का वेतन देय हो जाने के बाद बजट प्राप्त हुआ था। अटल आयुष्मान गोल्ड स्वास्थ योजना में भी अशासकीय विद्यालयों को दूसरे चरण में रखा गया है। सरकार के पक्षपातपूर्ण व्यवहार से समस्त शिक्षक व कर्मचारी अत्यंत आहत हैं। कहा कि शिक्षक, कर्मचारियों का आक्रोश भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा अशासकीय विद्यालयों की समस्याओं का गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। ताकि उनका परिवार भी दीपावली का पर्व आनंद से मना सकें। उन्होंने कहा कि संघ सौतेला व्यवहार कतई सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार और शासन के मध्य उचित तालमेल नहीं होने के कारण ऐसा हो सकता है। लेकिन डबल इंजन की सरकार के सामने ऐसा संकट गले नहीं उतर रहा है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कुछ परेशानी है। शिक्षक इस दौर में भी सरकार के नियमों और निर्देशों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनका वेतन दीपावली पर्व से पूर्व नहीं दिया गया तो वे सड़कों पर उतर कर आंदोलन को बाध्य होंगे।


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