कुपोषित बच्चों की संख्या में आई कमी
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिले के आगनबाड़ी केंद्रों में नवाचार योजना धीरे धीरे रंग लाने लगी है
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिले के आगनबाड़ी केंद्रों में नवाचार योजना धीरे धीरे रंग लाने लगी है। छह माहों में ही अति कुपोषित तथा कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी दर्ज हुई है। छह माह पूर्व जिले में अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों की कुल संख्या 758 थी। इनके लिए शासन की नवाचार योजना फलीभूत हो रही है और छह माह के अंदर 758 में से 84 बच्चे कुपोषण के दायरे से बाहर आ गए हैं।
गौरतलब है कि बच्चों को कुपोषण से बचाने तथा कुपोषण मिटाने के लिए सरकार ने आगनबाड़ी केंद्रों में नवाचार योजना चलाई है। जिसके तहत कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उनके पोषण एवं देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी जिला स्तरीय अधिकारियों को दी गई है। योजना के तहत हर माह की पाच तारीख को आगनबाड़ी केद्रों में पोषण दिवस मनाया जाता है। योजना के तहत ऐसे बच्चों को पोषाहार मिलता है। अब इस योजना के अच्छे परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी स्तर पर हुई समीक्षा में छह माह पूर्व की स्थिति में तब्दीली पाई गई है। छह माह पूर्व तक जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या 689 थी, जिसमें अब 69 की कमी दर्ज हुई है। इसी प्रकार अति कुपोषित बच्चों की संख्या 69 से घटकर 44 हो गई है। छह माह पूर्व तक कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की कुल संख्या 758 थी, जो अब घटकर 670 रह गई है। अन्य बच्चे इस दायरे से बाहर आकर सामान्य स्थिति में आ चुके हैं।
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जिले में नवाचार योजना प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रही है। आगनबाड़ी केंद्रों में चिह्नित अति कुपोषित तथा कुपोषित बच्चों के पोषण व निगरानी की जिम्मेदारी जिला स्तरीय अधिकारियों को सौंपी गई है। आगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषण दूर करने के लिए पौष्टिक भोजन की जानकारी दी जा रही है। इसके अच्छे परिणाम कुपोषण व अति कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी के रूप में सामने आए हैं। भविष्य में इसमें और कमी आने की उम्मीद बलवती हुई है। ऐसे प्रयास चल रहे हैं।
-मयूर दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी, अल्मोड़ा