अल्मोड़ा में रबी की फसल को बारिश से मिली संजीवनी, बढे़गी पैदावार
अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत सोमवार की सायं हुई बारिश रबी की फसल समेत शाक-भाजी के लिए वरदान साबित हुई है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पर्वतीय अंचल में सोमवार की सायं हुई बारिश रबी की फसल समेत शाक-भाजी उत्पादन के लिए फायदेमंद साबित होगी। कृषि विज्ञानियों के अनुसार बालियां आते समय अथवा दाना बनते समय बारिश अच्छी मानी जाती है। पांच जनवरी के बाद ठीक-ठाक बारिश नहीं होने से इसका असर रबी की फसल पर पड़ रहा था। दो माह बाद हुई बारिश से काश्तकारों में अब आस जगी है। वर्तमान में जिले में ही 50 हजार हेक्टेयर में रबी की फसल बोई गई है।
इस बार रबी सीजन में फसल बोवाई के बाद दिसंबर व जनवरी के प्रथम पखवाड़े में बारिश हुई। इसके दो माह बाद बारिश हुई। बारिश रबी की फसल की दृष्टि से भले ही पर्याप्त नहीं हुई, मगर फिलहाल इस बारिश को विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानी डा. बीएम पांडे लाभकारी मानते हैं। उनका कहना है कि इससे पैदावार बढ़ेगी और काश्तकारों को कुछ राहत मिल सकेगी। गौरतलब है कि जिले में रबी की फसल के कुल कृषि क्षेत्र का सिर्फ पांच प्रतिशत ही सिचाई सुविधा से जुड़ा है। बाकी क्षेत्र वर्षा के जल पर ही निर्भर है। पूरे रबी सीजन अक्टूबर से मार्च तक करीब 185 मिलीमीटर बारिश औसतन होती है, जो अब तक मात्र 52 मिलीमीटर ही हुई है।
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जिले में रबी फसल की स्थिति
गेहूं 44 हजार हेक्टेयर
जौ 1400हेक्टेयर
मसूर 1600 हेक्टेयर
लाई व सरसों 2000 हेक्टेयर
मटर 1000 हेक्टेयर -------------
क्या कहते हैं काश्तकार
काश्तकारों का कहना है कि इस बार विगत वर्ष की तुलना में बारिश कम हुई है। विकास खंड भैसियाछाना के चंदन सिंह रावत, शेखर दत्त तथा सरयू घाटी क्षेत्र के त्रिलोचन पांडे व जगत सिंह का कहना है कि इस बार गेहूं बोवाई के बाद पिछले वर्ष की तुलना में बारिश कम हुई। मगर ठीक बालियां आते समय हुई बारिश से इसका लाभ काश्तकारों को मिलेगा, उत्पादन बढ़ेगा।
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बारिश से रबी की फसल को जीवनदान मिल गया है। इससे काश्तकारों को राहत मिलेगी। गेहूं में बालियां आने के दौरान हुई बारिश लाभकारी होती है। इससे गेहूं की पैदावार बढ़ेगी। वहीं यह बारिश शाक-भाजी उत्पादन के लिए भी बेहतर है।
- प्रियंका सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी -------------
डीके जोशी