जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित
अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित कर दिया गया है।
फोटो:: 29एएलएमपी 4
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित कर दिया गया है। एक करोड़ की लागत से स्थापित हुए इस प्लांट की टेस्टिग के लिए इसे अस्पताल में लगी पाइप लाइनों से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही इसकी टेस्टिग कर इससे अस्पताल के प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन की आपूíत होने लगेगी। इसके शुरू होने के बाद अस्पताल में पहुंचने वाले श्वांस व अन्य गंभीर मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा।
ऑक्सीजन प्लांट को ग्रामीण निर्माण विभाग की मैकेनिकल विग स्थापित कर रहा है। शनिवार को ऑक्सीजन प्लांट के सभी उपकरणों को जोड़ कर उसको स्थापित कर दिया है। 216 एलपीएम क्षमता के इस ऑक्सीजन प्लांट के लिए 63 केवी का जनरेटर भी लगाया गया है। शनिवार को इंजीनियरों ने प्लांट को स्थापित कर उसकी टेस्टिग भी की लेकिन अभी उसे पूरी तरह संचालित होने में कुछ तकनीकि व्यवस्थाएं और की जानी है जिसके बाद जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट प्राण वायु अस्पताल की प्रत्येक बेड तक पहुंच सकेगी। जिला अस्पताल के पीएमएस डा. आरसी पंत ने बताया कि
216 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित कर उसकी टेस्टिग शुरू कर दी गई है। टेस्टिग की सफलता के बाद ऑक्सीजन प्लांट जल्द ही नियमित तौर पर शुरू हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर जिले में 15 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से आइवरमेक्टिन की गोलियां वितरित की जा रही हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सविता हयांकी ने बताया कि यह गोली 15 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को दी जा रही है जिन्हें सुबह और शाम तीन दिनों तक एक-एक गोली खाना खाने के बाद खानी चाहिए। वहीं 10 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए केवल एक गोली खाने के बाद प्रतिदिन खानी है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष से 10 वर्ष के बच्चों को यह गोलियां बिना चिकित्सकीय सलाह के नहीं दी जानी है। वहीं गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, लीवर संबंधी रोगी एवं दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह गोलियां नहीं दी जानी है। उन्होंने समस्त लोगों से अपील की है कि वे आइवरमेक्टिन की गोलियां खाने के लिए इन बातों का अवश्य पालन करें।
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