Move to Jagran APP

भारत से होगा प्राचीन चिकित्सा पद्धति पर शोध का नया सूर्योदय

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति का लोहा अब पश्चिमी देश भी मानने लगे हैं। हमारा चिकित्सा विज्ञान दस हजार वर्ष पुराना है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 03 Nov 2017 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 03 Nov 2017 11:08 PM (IST)
भारत से होगा प्राचीन चिकित्सा पद्धति पर शोध का नया सूर्योदय
भारत से होगा प्राचीन चिकित्सा पद्धति पर शोध का नया सूर्योदय

अल्मोड़ा, [जेएनएन]: वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भारत भूमि से ही प्राचीन ऋषि परंपरा से जुड़े ध्यान, योग व मर्म चिकित्सा पद्धति पर विश्व में शोध का नया सूर्योदय होगा। हजारों वर्ष पुराने भारतीय चिकित्सा विज्ञान व पद्धति का लोहा अब पश्चिम भी मानने लगा है। डॉ. जोशी ने शरीर, मस्तिष्क व आत्मा में समन्वय पर जोर देते हुए युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि मन व बुद्धि को एकाग्र कर ही भारत वर्ष को पुन: विश्वगुरु बनाया जा सकता है। 

loksabha election banner

कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर के योग विभाग सभागार में शुक्रवार को 'नेशनल वर्कशॉप ऑन मर्म थैरेपी फॉर ट्रीटमेंट ऑफ वैरियस डिजीज' विषयक तीन दिनी कार्यशाला के समापन समारोह पर डॉ. जोशी ने यह बात कही। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जोशी ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान की गहराई को छूआ। मर्म चिकित्सा पद्धति को महाभारत से जोड़ते हुए कहा कि उस महायुद्ध में आहत व हताहत सैनिक अगली सुबह फिर उठ खड़े हुए। 

यानी उस दौर में हजारों वर्ष पुरानी यह चिकित्सा पद्धति थी जिसमें हमारे पूर्वजों को महारथ हासिल थी। शरीर के क्षत विक्षत अंगों को त्वरित उपचार देकर प्राकृतिक अवस्था में पुनर्जीवित करने का समृद्ध चिकित्सा विज्ञान हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, यही वजह है 50 वर्ष पूर्व तक ध्यान योग की महत्ता को नकारने वाले पश्चिमी देशों के न्यूरो वैज्ञानिक आज उसे सत्य मान आजमाने लगे हैं। उन्होंने मौजूदा दौर में ईश्वर प्रदत्त इस विज्ञान को समझने, अध्ययन व अनुसंधान की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर भारत से ही शोध का नया सूर्योदय होगा। खासतौर पर विद्यार्थियों को सीख दी कि मन, मस्तिष्क व आत्मा में सामंजस्य स्थापित कर एकाग्रता लाएं। तभी तभी मानव सेवा की जा सकती है। स्वीकार करने लगा है विश्व

वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा, बगैर रेडिएशन व हानिकारक दवाओं के इस्तेमाल के मर्म चिकित्सा रोग को समाप्त करने में कारगर है। शरीर के कुछ खास बिंदुओं को दबाने मात्र से व्याधि खत्म करने की इस प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति के साथ ही ध्यान एवं योग की विश्व स्तर पर स्वीकार्यता की ओर भारत के कदम आगे बढ़ चुके हैं। 

यह भी पढ़ें: जब सब योगी बन जाएंगे तो राम मंदिर बन जाएगा: डॉ मुरली मनोहर जोशी

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में दो राजधानी का विरोध करूंगा: किशोर उपाध्याय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.