कोटेदारों के एक करोड़ पर केंद्र की कुंडली
अल्मोड़ा के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का राशन भाड़े आदि का एक करोड़ रुपया केंद्र सरकार ने देना है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं से लॉकडाउन में केंद्रीय खाद्य व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन तो बंटवाया गया मगर अब सरकार भुगतान दबा बैठ गई है। ऐसे में जनपद में लगभग सौ कोटेदारों का बीते तीन माह का करीब सवा करोड़ रुपया फंस गया है। सूत्रों की मानें तो अन्य जिलों का भी कमोवेश यही हाल है। प्रशासन व शासन पर ठोस पहल न करने का आरोप लगा कोटेदारों ने राशन उठान व वितरण न करने की चेतावनी दे डाली है।
दरअसल, 23 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में केंद्र की ओर से संचालित केंद्रीय खाद्यान्न व पीएम गरीब कल्याण योजना शुरू की गई थी। मकसद रहा सुदूर दुर्गम गांवों तक राशन का पर्याप्त स्टॉक रखना। राशन विक्रेताओं ने संजीदगी के साथ खाद्य सामग्री का वितरण भी कराया। इधर, अनलॉक अवधि का कई दिन बीतने के बावजूद तीन माह के बिलों का भुगतान लटका पड़ा है।
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राशन विक्रेता मुखर, भुगतान के साथ मांगा मानदेय
सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ की गुरुवार को नंदादेवी बाजार में आयोजित बैठक में केंद्रीय खाद्य योजना के भुगतान का मुद्दा जोरशोर से उठा। साफ कहा गया कि जब तक बाटे गए राशन व अन्य लंबित बिलों का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक खाद्यान्न उठान व वितरण रोक दिया जाएगा। वहीं नेट के भुगतान तथा कोटेदारों को 30 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय की पुरजोर मांग भी उठाई। इस दौरान संघ के महामंत्री मनोज वर्मा को देवभूमि व्यापार मंडल का जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर खुशी जताई गई। अध्यक्षता भूपाल सिंह सूरी ने की। इस मौके पर दिनेश गोयल, विपिन तिवारी, मनोज वर्मा, केशर खनी, अभय साह, देवेंद्र चौहान, बलवंत बोरा, दिनेश चंद्र, नारायण सिंह, हरीश भट्ट, हेमलाल साह, हेम जोशी, हेमा देवी, धन सिंह, उमेश बिष्ट, देनेश चंद्र, भवान सिंह, भुवन तिवारी, पूरन सिंह, देवेंद्र कुमार, दीपक साह, लीला साह, जगत सिंह, नारायण सिंह, हीरा सिंह, गिरीश सिंह मौजूद रहे।
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'राशन विक्रेताओं की मांग जायज है। लॉकडाउन की अवधि में विक्रेताओं ने अपने खर्च से राशन बांटा है। ढुलान आदि का भुगतान समय पर हो जाय, इसके लिए शासन को लिखा गया है।
- सीमा विश्वकर्मा, एसडीएम एवं प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी'
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