ताड़ीखेत व बेतालघाट ब्लॉक के काश्तकारों की उम्मीद पर ब्रेक, आपणु बाजार पर जमीनी विवाद के बादल
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर खैरना के समीप ताड़ीखेत व बेतालघाट ब्लॉक के काश्तकारों की उम्मीदों को झटका लगा है। हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद मंडी समिति पशोपेश में है।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर खैरना के समीप ताड़ीखेत व बेतालघाट ब्लॉक के काश्तकारों की उपज को बेहतर दाम दिलाने को अस्तित्व में आया 'आपणु बाजार' में एक बार फिर जमीनी विवाद का पेंच फंस गया है। हाई कोर्ट से सेना के पक्ष में निर्णय आने के बाद अब मंडी समिति ने स्पेशल अपील दायर कर जमीन अपनी होने का दावा किया है। बहरहाल करीब 92 लाख रुपये की कीमत से तैयार आपणु बाजार का भविष्य अब अधर में लटक गया है।
वर्ष 2015 में मंडी समिति हल्द्वानी ने अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित खैरना बाजार के समीप ताड़ीखेत व बेतालघाट ब्लॉक के काश्तकारों को लाभान्वित करने के लिए करीब 0.440 हेक्टेयर ( 22 नाली) भूमि पर 92 लाख रुपये की भारी-भरकम लागत से आपणु बाजार बनाने की कवायद शुरु की। जल्द ही काम पूरा भी कर लिया गया। नीति स्पष्ट ना होने से आपूर्ण बाजार काश्तकारों को नहीं रिझा पाया। वहीं दूसरी ओर कुमाऊं रेजिमेंट ने उक्त जमीन पर अपना हक होने का दावा कर 2007 में नैनीताल स्थित हाई कोर्ट में वाद दायर कर दिया। बीते जुलाई को न्यायालय ने सेना के पक्ष में निर्णय दे दिया है। जिससे मंडी समिति सकते में आ गई है। मंडी समिति ने दोबारा स्पेशल अपील दायर कर उक्त जमीन पर अपना हक जताया है। ====================
लाखों डूबने की भी आशका जमीनी विवाद के फेर में काश्तकारों को खासा नुकसान हो गया है। भविष्य में कुछ बेहतर होने की आस लगाए दोनों ब्लॉकों के काश्तकार भी निराश हैं। वहीं भारी भरकम 92 लाख खर्च होने के बाद अब फैसला भारतीय सेना के पक्ष में आ जाने के बाद खर्च हुई रकम के बर्बाद होने की भी संभावना है। ===================
सरकार ने आवंटित की थी भूमि विभागीय अधिकारियों के अनुसार अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित खैरना बाजार में मंडी की जमीन पर तहसील बना दी गई। जब पत्राचार किया गया तो राज्य सरकार ने उन्हें खैरना में जमीन आवंटित कर दी। जिस पर उन्होंने आपूर्ण बाजार का निर्माण करवाया। विभागीय अधिकारी अब न्यायालय से निर्णय आने के इंतजार में है। ====================
ये था मकसद
मंडी समिति ने दोनों ब्लॉकों के काश्तकारों की उपज को बेहतर दाम दिलाने के लिए आपणु बाजार की स्थापना की। मकसद था कि काश्तकारों को बिचौलियों से बचाया जा सके तथा उनकी उपज को बेहतर दाम दिलाया जा सके, मगर योजना परवान नहीं चढ़ सकी। ===================
'बीते जुलाई में सेना के पक्ष में निर्णय आया है। फिलहाल अभी कोई काम नहीं कराया जा सकता। पुन: स्पेशल अपील दायर की है। निर्णय आने के बाद ही आपणु बाजार में नई योजना शुरु हो सकेगी।
- विश्वविजय सिंह देव, सचिव मंडी समिति हल्द्वानी'